अब नप में नहीं बनेंगे जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र
सरकार की ओर से लोगों को हर प्रकार की सुविधा ऑनलाइन देने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने सरल केंद्रों का शुभारंभ किया था। इनके शुरू होने के बाद अब नगर परिषद में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनना बंद हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार की ओर से लोगों को हर प्रकार की सुविधा ऑनलाइन देने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने सरल केंद्रों का शुभारंभ किया था। इनके शुरू होने के बाद अब नगर परिषद में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनना बंद हो गए हैं। इससे पहले नगर परिषद में ही जन्म-मृत्यु इन प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन होते थे और यहीं से प्रमाण पत्र मिल जाते थे। जानकारी के अभाव में लोग अभी भी नगर परिषद के चक्कर लगा रहे हैं। रोजाना करीब 100 लोग यहां आवेदन के लिए आते थे।
अब यह सुविधा जिले में बने सरल केंद्र, अंत्योदय भवन व सीएससी सेंटर में शुरू हो चुकी है। अब लोगों को पहले यहां आनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद वेरिफिकेशन के लिए नगर परिषद के पास डाटा आएगा। वेरिफिकेशन के बाद नगर परिषद में प्रमाण पत्र बनाया जाएगा और संबंधित सेंटर को भेज दिया जाएगा। नगर परिषद में लोगों की सीधी भागीदारी अब खत्म हो गई है। आनलाइन प्रक्रिया में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा।
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नगर परिषद को होगा नुकसान
प्रमाण पत्र सरल केंद्रों व सीएससी सेंटरों में बनने से नगर परिषद को आर्थिक नुकसान होगा। पहले प्रमाण पत्र की एक प्रति के लिए 35 रुपये की फीस नगर परिषद में ही जमा होती थी। अब यह फीस भी इन सेंटरों में ही जमा करवानी होगी। इसके अलावा प्रमाण पत्र बनाने के लिए छह कर्मचारी लगाए हुए है, उनका काम भी अब खत्म हो गया है।
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नक्शा पास करवाने में भी परेशानी
मकानों के नक्शा पास करवाने के लिए भी अब आनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। लोगों को यह प्रक्रिया भी समझ में नहीं आ रही है। जब से यह प्रक्रिया शुरू हुई है कोई भी नक्शा पास नहीं हो रहा है। नक्शा पास करवाने के लिए जो नियम बनाए हैं वे काफी कठिन हैं, जिस कारण परेशानी हो रही है। यह प्रक्रिया भी आनलाइन होने से कर्मचारी खाली ही बैठे रहते हैं।
बॉक्स- सरल केंद्र में सुविधा शुरू की जा चुकी
नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि आनलाइन प्रक्रिया होने के कारण अब नप मे प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं। सरल केंद्र, सीएससी सेंटर व अंत्योदय भवनों में यह सुविधा शुरू की जा चुकी है।