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एक और अफसर हुआ अनिल विज के गुस्‍से का शिकार, अब डीईओ को किया सस्पेंड

हरियाणा के वरिष्‍ठ मंत्री अनिल विज एक बार फिर कष्‍ट निवारक समिति की बैठक में अधिकारी के नहीं पहुंचने पर गुस्‍सा हो गए। इस बार उनके गुस्‍से का शिकार कैथल के डीईओ हुए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 01:28 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 05:15 PM (IST)
एक और अफसर हुआ अनिल विज के गुस्‍से का शिकार, अब डीईओ को किया सस्पेंड
एक और अफसर हुआ अनिल विज के गुस्‍से का शिकार, अब डीईओ को किया सस्पेंड

जेएनएन, कैथल। स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज को एक बार फिर गुस्‍सा आ गया व एक और अधिकारी इसका शिकार हो गया। इस बार वह कैथल के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) पर कुपित हो गए और उनको निलंबित कर दिया। विज डीईओ के जिला कष्‍ट निवारण समिति की बैठक में देरी से पहुंचने से खफा थे। दूसरी ओर,डीईओ का कहना था कि उनको बैठक का जो समय बताया गया वह उसी समय यहां आए। उन्‍होंने विज को वह पत्र भी दिखाया, लेकिन वह नहीं माने और कहा, जो अादेश दे दिया सो दे दिया।

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बता दें कि अनिल गुस्‍से का राज्‍य में कई अफसर शिकार हो चुके हैं। पिछले दिनों पानीपत में वहां की उस समय की एसपी संगीता कालिया के जिला कष्‍ट निवारण समिति की बैठक में नहीं आने पर विज नाराज हो गए थे। संगीता का बाद में इस कारण विज की सीएम से शिकायत के बाद तबादला कर दिया गया था।

यहां शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक थी। बैठक दोपहर 12 बजे से थी और इसमें जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से कोई नहीं पहुंचा। शिक्षा विभाग से संबंधित शिकायत पर जब कोई भी अधिकारी नहीं उठा तो विज ने इस बारे में पूछा। डीईओ के गैर हाजिर रहने पर विज की त्‍योरियां चढ़ गईं। मंत्री ने इसे अनुशासनहीनता बताते हुए डीईओ को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया। बाद में डीईओ डॉ. रामकुमार फसलवाल पहुंच गए और बैठक तीन बजे होने की जानकारी होने की बात कही, लेकिन मंत्री नहीं माने। उन्होंने कहा कि एक बार जो आदेश हो गया सो हो गया। अब कुछ नहीं हो सकता।

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यह आदेश मंत्री ने कलायत निवासी सुरेश कुमार की शिकायत पर दिए। बता दें कि सुरेश कुमार की बेटी को पिछले दो साल से प्रोत्साहन राशि नहीं मिली, जिसके लिए वह कभी बैंक तो कभी स्कूल के चक्कर काट रहा था। बैठक में मंत्री ने कुल 12 शिकायतें सुनी, जिनमें से कई का मौके पर निपटारा किया।

दरअसल, डीईओ डॉ. रामकुमार फलसवाल इससे पहले छुट्टी पर थे और वह एक दिन पहले ही कार्य पर लौटे थे। ऐसे में उनके पास जिला कष्‍ट निवारण समिति की बैठक के बारे में जानकारी नहीं पहुंची। उनका कहना है कि इस बारे में कार्यालय में पत्र आया था, लेकिन किसी ने इसकी जानकारी उनको नहीं दी। उनके पास विभागाध्‍यक्षों की तीन बजे होने वालर बैठक के बारे में जानकारी थी और इस कारण वह तीन बजे वहां पहुंचे।

जिला शिक्षा अधिकारी ने शनिवार को बताया कि कार्यालय में बैठक की सूचना थी, लेकिन उनके तक नहीं पहुंची। डीईओ ने कहा कि अधीक्षक सहित कर्मचारियों से इस संबंध में स्‍पष्‍टीकरण मांगा जाएगा। डीईओ ने कहा कि जिला कष्‍ट निवारण समिति की बैठक के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण उस दौरान व अन्‍य ड्यूटी पर थे और बॉयज स्कूल में कंप्मार्टमेंट के पेपर को लेकर पेपर सामग्री बांट रहे थे।

पाइपलाइन बिछाने में गड़बड़ी पर जेई चार्जशीट

एक अन्य मामले में मंत्री विज ने जन स्वास्थ्य विभाग के जेई तरसेम को कलायत के खट्टर मोहल्ले में गली की पाइपलाइन बिछाने में अनियमितता पाए जाने पर चार्जशीट कर दिया। मोहल्ला निवासी प्रवीन कुमार ने शिकायत की थी कि उसके घर के आगे पाइप लाइन नियमानुसार गहराई तक नहीं डाली गई है। पिछली बैठक में मंत्री ने तीन सदस्यों की कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। कमेटी सदस्यों ने भी रिपोर्ट में पाइपलाइन दबाने में गड़बड़ी पाए जाने की पुष्टि की। इसके बाद मंत्री ने जेई को चार्जशीट कर दिया।

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चंडीगढ़ से गुम हुई फाइल पर कैथल में होगी एफआइआर दर्ज

मंत्री अनिल विज ने 1984 में चंडीगढ़ में गुम हुई फाइल पर कैथल में एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। गांव नागल निवासी केवल सिंह की शिकायत थी कि सेल व माल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने सेल फाइल नंबर 1160 का कब्जा नहीं दिलाया और सेल फाइल नंबर 1157 का जमीन का कब्जा मौके पर स्टे के बावजूद दिलवा दिया था।

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एडीसी पार्थ गुप्ता ने पिछली बैठक के आदेश के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि मामले से संबंधित फाइल 1984 में चंडीगढ़ भेजी थी, जहां से यह फाइल गुम होने का पता चला है। विज ने फाइल गुम होने पर एफआइआर कराने और स्टे आर्डर के समय किन-किन विभाग के कर्मचारियों की हाजिरी लगी थी, की जांच के आदेश देते हुए अगली बैठक में रिपोर्ट देने को कहा।


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