गन्ने का भाव न बढ़ाने पर किसानों में रोष, 31 को करेंगे हड़ताल
शुगरमिल के बाहर धरने पर बैठे किसानों ने बुधवार को किसान शुगर मिल में महापंचायत में किसानों ने 31 जनवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल करने का फैसला लिया है। किसानों का कहना है कि गन्ना के भाव अब 340 रुपये प्रति क्विटल मिल रहे हैं जो लागत के हिसाब से काफी कम है।
जागरण संवाददाता, कैथल :
शुगरमिल के बाहर तीन दिनों से अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे किसानों ने बुधवार को किसान शुगर मिल में महापंचायत की। पंचायत भारतीय किसान संघ के बैनर तले आयोजित हुई। इस महापंचायत में किसानों ने 31 जनवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल करने का फैसला लिया है। धरना का समापन कर दिया। किसानों का कहना है कि गन्ना के भाव अब 340 रुपये प्रति क्विटल मिल रहे हैं, जो लागत के हिसाब से काफी कम है। उन्हें बढ़ाया जाने की जरूरत है।
बीजेपी सरकार किसान विरोधी सरकार है और किसानों के साथ अन्याय कर रही है इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। सरकार की तरफ से गन्ने के भाव को 400 रुपये प्रति क्विटल किया जाए, इसे लेकर किसान सरकार से लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।
बुधवार को गन्ना किसान संघ के प्रांतीय युवा प्रमुख गुल्तान सिंह नैना, रणदीप कौल, सतीश ग्योंग, कृष्ण क्योड़क, महावीर धौंस, मांगेराम ने बताया कि गन्ना किसानों को कम भाव मिलने के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार से कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लागत ज्यादा और भाव कम मिलने से किसानों का खेती से मोह भंग होता जा रहा है। एक तरफ तो सरकार किसानों के हितों की बात करती है, लेकिन दूसरी तरफ किसानों के हकों को दबाया जा रहा है। गन्ना लगाने से लेकर कटाई तक काफी खर्च होता है। इसलिए सरकार किसानों की मांगों को लेकर ध्यान दें। मिल में हुए चीप घोटाले को भी प्रशासन दबाना चाहता है।
बाक्स- मांग पूरी होने तक पीछे नहीं हटेंगे
मंगलवार सुबह किसान शुगर मिल में कांटे के पास धरना दे रहे थे, प्रशासन ने किसानों को यहां पर धरना देने से मना किया था लेकिन किसान धरने से उठ नहीं रहे थे इस दौरान किसानों की ओर से लगाए गए टेंट को भी उखड़वा दिया था। इसके बाद सभी किसान मिल मुख्य गेट के बाहर ही धरना शुरू किया था। इस दौरान डीएसपी कुलवंत सिंह व मिल एमडी जगदीप सिंह भी मौके पर पहुंचे, लेकिन किसानों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। किसानों ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे।