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श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है प्राचीन हनुमान मंदिर

शहर के पार्क रोड स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर को माता अंजनी का टीला नाम से भी जाना जाता है। हनुमान जी की माता अंजनी को समर्पित यह टीला कैथल के मुख्य पूजनीय स्थानों में से एक माना जाता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 09:57 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 09:57 AM (IST)
श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है प्राचीन हनुमान मंदिर

जागरण संवाददाता, कैथल :

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शहर के पार्क रोड स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर को माता अंजनी का टीला नाम से भी जाना जाता है। हनुमान जी की माता अंजनी को समर्पित यह टीला कैथल के मुख्य पूजनीय स्थानों में से एक माना जाता है। यह मंदिर शहर के मध्य में स्थित है। यहां हर मंगलवार को पूजा पाठ करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। समय-समय पर मंदिर में धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। कैथल को हनुमान का जन्मस्थान भी माना जाता है। इसलिए यह स्थल पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।

पर्यटन स्थल के रूप में हो सकता है विकसित :

इतिहासकार कमलेश शर्मा ने बताया कि प्राचीन काल से ही यह मान्यता चली आ रही है कि मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। इसलिए इस धार्मिक जगह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है, सरकार को इस और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। शर्मा ने बताया कि मंदिर का इतिहास सतयुग से जुड़ा है। यहां पहले एक विशाल टीला होता था। एक मान्यता के अनुसार यहां माता अंजनी का निवास था और हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस कारण इसे अंजनी का टीला कहा जाता है। कपि के राजा होने की वजह से हनुमान जी के पिता केसरी को कपि राज कहा जाता था। बाद में माता अंजनी के टीले के पास रिहायश बन गई और यह टीला विलुप्त हो गया।


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