जिला अस्पताल में 10 माह से ओडियोमीटर रूम बनकर तैयार, ऑडियोलॉजिस्ट का इंतजार
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला नागरिक अस्पताल में ऑडियोमीटर रूम बनाया गया था। इसे बने हुए करीब 10 माह का समय बीत चुका है लेकिन आज तक यह शुरू नहीं हो पाया है।
जागरण संवाददाता, कैथल : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला नागरिक अस्पताल में ऑडियोमीटर रूम बनाया गया था। इसे बने हुए करीब 10 माह का समय बीत चुका है, लेकिन आज तक यह शुरू नहीं हो पाया है। चार से पांच बार ऑडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति के चलते विभाग की तरफ से विज्ञापन निकाला जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद कोई ऑडियोलॉजिस्ट यहां आने को तैयार नहीं है। इससे एक तो प्राइवेट सेक्टर से यहां वेतन कम मिलना और दूसरा ड्यूटी के दौरान दबाव ज्यादा होना माना जा रहा है। लाखों रुपये खर्च कर बनाया गया ओडियोमीटर रूम उद्घाटन का इंतजार कर रहा है। इसके शुरू न होने से कम सुनने वाले बच्चों की सुनने की क्षमता को पता लगाने के लिए विभाग को पीजीआइ रोहतक या चंडीगढ़ बच्चों को रेफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह रूम पूरी तरह से साउंड प्रूफ है, ताकि मरीज के हियरिग पॉवर की ठीक से जांच हो सके।
बहरेपन के लक्षणों को पहचान कर बच्चों को किया जा रहा रेफर
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूल हेल्थ की टीम बहरेपन के लक्षणों के शिकार बच्चों को चिह्नित कर जिला नागरिक अस्पताल रेफर करती है। इसके ऐसे बच्चों के सुनने की क्षमता का पता लगाने के लिए ओडियोमीटर रूम में भेजा जाता है, जहां से बच्चे के सुनने की क्षमता का पता लगता है? अब यह सुविधा जिला स्तर पर न होने से अभिभावक दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाने को मजबूर हो रहे हैं। स्कूल हेल्थ टीमों के सर्वे के दौरान ऐसे बच्चे काफी सामने आ रहे हैं। इस सेंटर में हियरिग पॉवर जांच कर बच्चों का इलाज शुरू हो जाता है। यहां ओडियोमीटर रूम तो बनकर तैयार है, लेकिन ओडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति का विभाग को इंतजार हैं।
दोबारा आवेदन मांगे जाएंगे : जैन
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. संदीप जैन ने बताया कि ओडयोमीटर रूम में ओडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति को लेकर पहले आवेदन मांगे गए थे, लेकिन किसी ने अप्लाई नहीं किया था। अब दोबारा वे आवेदन मांगे जाएंगे। उम्मीद है कि इस पद पर जल्द ही नियुक्त होने के बाद अस्पताल में यह सेवाएं शुरू की जाएंगी।