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एजेंसी के तीन महीने के बिल अटके, डोर टू डोर कचरा उठान बंद

शहर से डोर टू डोर कचरा उठाने वाली एजेंसी ने वीरवार से कचरा उठान का कार्य बंद कर दिया है। एजेंसी के तीन महीने के बिल अटके हुए हैं। बिल पास ना होने के कारण कर्मचारियों को वेतन जारी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में एजेंसी संचालक ने बिल पास होने तक काम करने से मना कर दिया है। एक दिन में ही शहर में कचरे के ढेर लग गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 07:02 AM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 07:02 AM (IST)
एजेंसी के तीन महीने के बिल अटके, डोर टू डोर कचरा उठान बंद
एजेंसी के तीन महीने के बिल अटके, डोर टू डोर कचरा उठान बंद

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर से डोर टू डोर कचरा उठाने वाली एजेंसी ने वीरवार से कचरा उठान का कार्य बंद कर दिया है। एजेंसी के तीन महीने के बिल अटके हुए हैं। बिल पास ना होने के कारण कर्मचारियों को वेतन जारी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में एजेंसी संचालक ने बिल पास होने तक काम करने से मना कर दिया है। एक दिन में ही शहर में कचरे के ढेर लग गए हैं। शहर से रोजाना 70 टन कचरे का उठान होता है। एजेंसी के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार पर बिल पास नहीं किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले ही नप की तरफ से मार्गदर्शन के लिए निदेशालय को पत्र लिखा गया था। अब निदेशालय की तरफ से भी पत्र भेज दिया गया है कि इस समस्या का स्थानीय स्तर पर ही समाधान किया जाए। अब एजेंसी को लेकर अंतिम फैसला नगर परिषद को ही लेना है। वहीं नगर पालिका कर्मचारी यूनियन के सदस्यों ने इस बारे में ईओ रविद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा है कि डोर टू डोर कर्मचारियों का पूरा वेतन एजेंसी से दिलवाया जाए। अगर एजेंसी वेतन नहीं देती है तो उसकी सिक्योरिटी जब्त करके कर्मचारियों का वेतन दिया जाए। रात की सफाई का नया टेंडर जल्द से जल्द लगाया जाए।

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दिसम्बर से शुरू हुआ था काम

बालाजी सिक्योरिटी एंड मैन पावर एजेंसी की तरफ से दिसंबर 2020 में कचरा उठान का कार्य शुरू किया गया था। टेंडर पर साल में करीब तीन करोड़ 20 लाख रुपये की राशि खर्च की जानी है। पहले यह टेंडर एक करोड़ 60 लाख रुपये में था। शहरी स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से टेंडर के समय कुछ नई शर्तो को शामिल किया था, लेकिन एजेंसी शर्तो के अनुसार कार्य नहीं कर पा रही है। एजेंसी को रोजाना कचरे का निस्तारण करना था, लेकिन अभी तक एजेंसी की तरफ से निस्तारण करने वाली मशीन नहीं लगाई गई। इस बारे में कुछ पार्षदों और शहर के लोगों ने शिकायत की हुई है। इसके अलावा शहरवासी जगरूप ने एजेंसी पर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाने के आरोप लगाए हुए हैं, जिसकी जांच की जा रही है।

तीन महीने के बिल नगर परिषद में अटके हुए हैं। मई, जून और जुलाई का बिल पास नहीं किया गया है। वे अपने पास से एक महीने का वेतन 127 कर्मचारियों को दे चुके हैं। अब जब तक नप उनके बिल पास नहीं करेगी वे शहर से कचरे का उठान नहीं करेंगे। बिल को लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित में शिकायत दे चुके हैं।

बलबीर सिंह, एजेंसी संचालक।

कचरा उठान का काम बंद करने के संबंध में एजेंसी की तरफ से कोई नोटिस नहीं दिया गया है। अगर एजेंसी उठान नहीं करती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। एजेंसी के बिल अटके हैं और इस बारे में उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श किया जा रहा है। सफाई यूनियन के पदाधिकारी मिले थे उनकी समस्याओं का समाधान भी करवाया जाएगा।

रविद्र सिंह, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद।


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