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वाट्सएप पर बैठक स्थगन की सूचना के बाद बिना सीईओ 12 मिनट में सभी एजेंडे पास

छह माह बाद जिला परिषद की जनरल बैठक आयोजित की गई। महज 12 मिनट में एजेंडे में शामिल सभी नौ प्रस्तावों पर खामोशी से सभी मौजूद सदस्यों ने हामी की मुहर लगा दी लेकिन बैठक की संवैधानिक वैधता पर प्रशासनिक सवाल खड़े हो गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 06:10 AM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 06:10 AM (IST)
वाट्सएप पर बैठक स्थगन की सूचना के बाद  बिना सीईओ 12 मिनट में सभी एजेंडे पास
वाट्सएप पर बैठक स्थगन की सूचना के बाद बिना सीईओ 12 मिनट में सभी एजेंडे पास

जागरण संवाददाता, कैथल: छह माह बाद जिला परिषद की जनरल बैठक आयोजित की गई। महज 12 मिनट में एजेंडे में शामिल सभी नौ प्रस्तावों पर खामोशी से सभी मौजूद सदस्यों ने हामी की मुहर लगा दी, लेकिन बैठक की संवैधानिक वैधता पर प्रशासनिक सवाल खड़े हो गए।

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दरअसल इस मीटिग में न तो जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कमलप्रीत कौर मौजूद थीं और न ही उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी। इसके बावजूद चेयरपर्सन सुखविद्र कौर ने न सिर्फ बैठक बुलाई, बल्कि एक-एक करके सभी प्रस्ताव और मौके पर रखे गए मुद्दों को हरी झंडी भी दे दी। उनका तर्क है कि बैठक बुलाने से लेकर इसकी अध्यक्षता करने के सभी अधिकार उनके पास हैं। बैठक में पशुपालन, जनस्वास्थ्य विभाग कैथल और बीडीपीओ कार्यालय ढांड-पूंडरी के अलावा कोई अधिकारी भी शामिल नहीं हुआ।

वाट्सएप पर बैठक स्थगन का मैसेज

15 सितंबर को जिला परिषद की सामान्य बैठक बुलाने की सूचना और एजेंडा बाकायदा मुख्य कार्यकारी अधिकारी और चेयरपर्सन के हस्ताक्षर के साथ ही जारी किया गया था। मंगलवार को सुबह 07:49 बजे जिला परिषद के वाट्सएप ग्रुप पर सहायक ओमप्रकाश ने एक मैसेज डाला। इसमें लिखा था कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण वे आज बैठक में उपस्थित नहीं हो सकतीं। इसलिए यह बैठक स्थगित कर दी गई है।

दो घंटे बाद आए चेयरपर्सन के आदेश

जिला परिषद के इसी वाट्सएप ग्रुप में बैठक स्थगित करने की सूचना के दो घंटे बाद सहायक ओमप्रकाश ने ही नया मैसेज डाला। इसमें चेयरपर्सन सुखविद्र कौर ने आदेश दिए थे कि सामान्य बैठक अपने नियत स्थान और समय पर 11 बजे शुरू होगी। सभी इसमें पहुंचना सुनिश्चित करें। इस मैसेज के बाद ठीक 11 बजे तक जिला परिषद के 13 सदस्य मीटिग हाल में पहुंच चुके थे। कुल 21 में से शेष आठ सदस्य बैठक में नहीं पहुंचे।

सीईओ-डिप्टी सीईओ के खिलाफ कार्रवाई करेंगे

चेयरपर्सन सुखविद्र का कहना है कि सीईओ और डिप्टी सीईओ ने बैठक में नहीं आने के संदर्भ में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी। उनकी तरफ से लिखित या मौखिक रूप से कोई सूचना देना उचित नहीं समझा गया। इसलिए वे उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगी। हालांकि उन्होंने कहा कि वाट्सएप से मैसेज से कुछ नहीं होता। वैसे भी उनको कोई मैसेज नहीं किया गया। मीटिग स्थगित करने की पावर सिर्फ उनके पास है। सुखविद्र कौर का कहना है कि मीटिग चेयरपर्सन की अध्यक्षता में रखी गई थी न कि सीईओ-डिप्टी सीईओ की। जिसकी अध्यक्षता में मीटिग रखी जाती है, उसकी ही सब पावर होती है। वाइस चेयरमैन मुनीष कठवाड़ ने कहा कि यह मीटिग पूरी तरह से मान्य होगी, क्योंकि इसकी अध्यक्षता चेयरपर्सन ने की है।

बैठक का कोई वजूद नहीं

दूसरे खेमे के जिला परिषद के सदस्य भाग सिंह खनौदा, अंजू जागलान आदि ने कहा कि इस तरह से बिना प्रशासनिक अधिकारी के बैठक का कोई वजूद नहीं। पंचायती राज एक्ट-394 में ऐसा कोई नियम ही नहीं है। यह तो उनकी आपस की एक चर्चा ही थी, जो कोई भी कहीं भी कर सकता है।

हम सुबह एक्ट पढ़कर आए हैं

वैधता को लेकर जिला परिषद के सदस्य रवि तारांवली ने कहा कि सीईओ की अनुपस्थिति में बैठक करने का अधिकार भी चेयरपर्सन को होता है। यह एक्ट में भी प्रावधान है और वह खुद भी सुबह ही इसे पढ़कर आए हैं।

बैठक वैध नहीं

जिला परिषद की यह बैठक संवैधानिक रूप से वैध नहीं है। पंचायती राज एक्ट में बिना सीईओ या डिप्टी सीईओ के बैठक करने का कोई प्रावधान ही नहीं है।

- कमलप्रीत कौर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिप।


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