3819 शिकायतों में से 222 पर ही दर्ज हुई एफआइआर
महिला पुलिस थाना में जून 201
जागरण संवाददाता, कैथल : महिला पुलिस थाना में जून 2018 तक 3819 शिकायतें आई। इनमें से मात्र 222 शिकायत ही दर्ज हो पाई हैं, अन्य 3597 शिकायतों में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। 133 मामलों के कोर्ट में चालान पेश किए गए। इसका खुलासा आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ है।
आरटीआइ कार्यकर्ता राव धनवीर ¨सह ने 27 मई को आरटीआइ के तहत जानकारी मांगी थी।
पुलिस विभाग ने दी गई सूचना में बताया कि महिला पुलिस थाना कैथल में कोई भी शिकायत झूठी नहीं मिली है। 3597 मामलों में दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ था।
जानकारी में यह भी खुलासा हुआ कि कुछ मामलों में महिला कर्मचारी भी दोषी पाई गई। इनमें पुलिस कर्मचारी बबीता रानी को 11 मार्च 2017 के एक मामले में दोषी पाया गया था। महिला कर्मचारी ने इस मामले में बिना एसपी के हस्ताक्षर करवाए लुकआउट नोटिस जारी कर दिया था। इस नोटिस के लिए एसपी के हस्ताक्षर करवाने जरूरी होते हैं जो नहीं करवाए गए। इस मामले में महिला कर्मचारी का एक साल की वेतन वृद्धि रोक दी थी।
एक अन्य मामले में महिला कर्मचारी हरप्रीत कौर ने दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल ही नहीं करवाया। मामला पांच अगस्त 2017 का गांव टयोंठा का था। पांच दिन बाद दोबारा शिकायत देने के बाद मेडिकल करवाया गया। मामले में महिला कर्मचारी को दोषी पाया गया था। इस मामले में उसका पांच साल की वेतन वृद्धि रोक दी गई थी। हालांकि बाद में माफी मांगने के बाद दोषमुक्त कर दिया गया था। महिला कर्मचारी सुदेश रानी को भी एक मामले में दोषी पाया गया था। कर्मचारी ने 19 जून 2016 के एक मामले में आरोपित के खिलाफ समय से कोर्ट में चालान पेश नहीं किया। चालान पेश न होने के कारण आरोपित को जमानत मिल गई थी। मामले में एक साल की वेतन वृद्धि रोक दी थी।
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महिला थाना प्रभारी निर्मला ने बताया कि थाना में पति-पत्नी, पड़ोसियों के साथ घरेलू विवाद से संबंधित शिकायतें ज्यादा आती है। बाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाता है। दुष्कर्म व छेड़छाड़ को लेकर जो भी शिकायत आती है उस पर कार्रवाई करते हुए तुरंत एफआइआर दर्ज की जाती है।