यूनिक डिसएबिलिटी आइडी कार्ड योजना तोड़ रही दम
केंद्र सरकार की तरफ से दिव्यांगों के लिए लागू की गई यूनिक डिसएबिलिटी आईडी योजना दम तोड़ रही है। यह योजना चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास न स्टाफ है और न ही विभाग को जरूरी उपकरण ही दिए गए हैं। जिसके चलते दिव्यांगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सोनू थुआ, कैथल
केंद्र सरकार की तरफ से दिव्यांगों के लिए लागू की गई यूनिक डिसएबिलिटी आईडी योजना दम तोड़ रही है। यह योजना चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास न स्टाफ है और न ही विभाग को जरूरी उपकरण ही दिए गए हैं। जिसके चलते दिव्यांगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सरकार की ओर से इस योजना को ऑनलाइन किया गया है। बावजूद इसके दिव्यांग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। दिव्यांगों की कहना है कि वह ऑनलाइन फार्म भरवाने के लिए सीएचसी या पीएचसी सेंटर तक जाने में असक्षम है। ऐसे में सरकार को ऐसे दिव्यांगों के लिए उनके घरों पर जाकर सुविधा देनी चाहिए, लेकिन सीएचसी और पीएचसी में फार्म भर भी देते हैं, तो हमें डाक के माध्यम से कार्ड उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। तभी सरकार की यह योजना सफल हो पाएगी। सरकारी विभाग के अनुसार जिले में 7704 दिव्यांग हैं।
2016 में शुरू की गई थी योजना
कैथल विकलांग अधिकार समिति के प्रधान नरेश सजूमा ने कहा कि दिव्यांगों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी प्रमाण पत्र के बजाय यूनिक आईडी कार्ड दिए जाने की योजना 2016 से शुरू की गई थी। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से शुरू की गई इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग पर कार्ड बनाने की जिम्मेदारी थी, लेकिन अभी तक आई कार्ड बनाने के लिए प्रशासन स्तर से कोई सुविधा नहीं दी गई है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से दिव्यांगों के यूडी आई कार्ड बनवाने का प्रयास कर रहा है और चार सौ के करीब कुछ कार्ड भी बनवाए गए हैं।
यूनिक आइडी से मिलता है लाभ
यूनिक आइडी की योजना में दिव्यांगों को आधार कार्ड की तरह एक अलग से आईडी दी गई है। यह एक तरह का डिजिटल नंबर है, जिसकी मदद से दिव्यांग केंद्र और राज्य सरकार की सभी सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे। दिव्यांग इस यूनिक आइडी से पूरे देश में बस, ट्रेन की यात्रा के साथ अन्य सुविधाओं का भी लाभ ले सकेंगे। दिव्यांग सत्यापन के लिए भी यह एकल दस्तावेज होगा। एक बार यूनिक आइडी मिलने के बाद दिव्यांग को पात्रता के लिए कोई दूसरा प्रमाणपत्र नहीं दिखाना होगा।
सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र नैन ने बताया कि दिव्यांग यूडी आई कार्ड बनाने के लिए विभाग की तरफ से अस्पताल में कोई कर्मचारी व उपकरण नहीं है। पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के बाद इनकी स्क्रीनिग की जाती है। उसके बाद सीएमओ कार्यालय से सभी का फिजिकल वेरिफिकेशन होता है उसके बाद यह प्रमाण जारी विभाग के पास भेज दिया जाता है वहीं से डाकखानों के माध्यम से कार्ड बनकर पहुंचते है।