¨लगानुपात संतुलन के लिए 25 गांवों को किया मुस्तैद
फोटो नं.- 16 - 500 से कम ¨लगानुपात वाले गांवों के सरपंचों व आशा कार्यकर्ताओं की डीसी स
फोटो नं.- 16
- 500 से कम ¨लगानुपात वाले गांवों के सरपंचों व आशा कार्यकर्ताओं की डीसी सुनीता वर्मा ने ली बैठक
जागरण संवाददाता, कैथल: डीसी सुनीता वर्मा ने सरपंचों व आशा कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे संतुलित समाज के निर्माण में जिला प्रशासन का पूर्ण सहयोग करते हुए प्रसव पूर्व ¨लग जांच तथा कन्या भ्रूण हत्या में संलिप्त व्यक्तियों की तुरंत सूचना दें। सही सूचना देने वाले व्यक्ति को जिला प्रशासन द्वारा एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा तथा संबंधित व्यक्ति की पहचान भी गुप्त रखी जाएगी। डीसी सुनीता वर्मा लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला के 25 गांवों में कार्यरत आशा कार्यकताओं तथा संबंधित सरपंचों से ¨लगानुपात बढ़ाने के बारे में विचार-विमर्श कर रही थी।
उन्होंने गत दिसंबर माह में पुख्ता सूचना देने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपये का चैक देने की घोषणा की, जिसकी सूचना के आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सफल रेड करते हुए ऐसे गैर कानूनी कार्यों में संलिप्त व्यक्तियों को पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने समाज में संतुलन बनाया है, जिसे कुछ व्यक्तियों द्वारा बिगाडऩे का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी आशा कार्यकर्ता हर गर्भवती महिला की सूची बनाकर उनका पूरा रिकार्ड रखें तथा उन पर लगातार निगरानी करें। पहली संतान के रूप में लड़की जन्म देने वाली माताओं के दोबारा गर्भवती होने पर उनकी विशेष निगरानी की जाए। ऐसे मामलों में प्रसव पूर्व ¨लग जांच की आशंकाएं बढ़ जाती हैं।
डीसी ने कहा कि सभी सरपंच गांवों में मुनियादी करवाएं कि प्रसव पूर्व ¨लग जांच तथा कन्या भ्रूण हत्या में संलिप्त व्यक्तियों की सही जानकारी देने वाले लोगों को एक लाख रुपये का इनाम प्रदान किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति सिविल सर्जन डॉ. अशोक चौधरी के मोबाइल 70278-28309 तथा उप सिविल सर्जन डॉ.नीलम कक्कड़ के मोबाइल 70278-28310 पर किसी भी समय ऐसी गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों की सूचना दे सकते हैं। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि वर्ष 2017 के आंकड़ों के अनुसार जिला में 25 ऐसे गांव, जिनका ¨लगानुपात 500 से कम है। हमें ऐसे गांवों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने ऐसे गांवों को लोगों से ककहेड़ी जैसे गांवों से सीखने को कहा।
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ककहेड़ी का उदाहरण दिया
ककहेड़ी गांव में वर्ष 2017 के दौरान 1567 ¨लगानुपात दर्ज किया गया, जो जिला में सर्वाधिक है। उप सिविल सर्जन डॉ.नीलम कक्कड़ ने कहा कि आजकल यह देखने में आया है कि प्रसव पूर्व ¨लग जांच के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि कुछ लोग अपने घर की महिलाओं को अनजान व्यक्तियों के साथ अकेले प्रसव पूर्व ¨लग जांच के लिए भेज देते हैं, जिससे इन महिलाओं की सुरक्षा को गंभीर खतरा बना रहता है।