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मंडी में पहुंची 495 क्विंटल धान, नमी के चलते नहीं हुई खरीद

नई अनाज मंडी में धान की आवक शुरू हो गई है। बुधवार को दूसरे दिन 495 क्विंटल धान मंडी में पहुंची लेकिन नमी के चलते खरीद नहीं हो पाई। सुबह तो मौसम साफ था दोपहर बाद बरसात शुरू हो गई। इस कारण खेत 1509 धान की कटाई देरी से होगी। शहर की पुरानी मंडी में अभी धान की ढेरी नहीं आई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 10:38 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 10:38 PM (IST)
मंडी में पहुंची 495 क्विंटल धान, नमी के चलते नहीं हुई खरीद
मंडी में पहुंची 495 क्विंटल धान, नमी के चलते नहीं हुई खरीद

जागरण संवाददाता, कैथल : नई अनाज मंडी में धान की आवक शुरू हो गई है। बुधवार को दूसरे दिन 495 क्विंटल धान मंडी में पहुंची लेकिन नमी के चलते खरीद नहीं हो पाई। सुबह तो मौसम साफ था दोपहर बाद बरसात शुरू हो गई। इस कारण खेत 1509 धान की कटाई देरी से होगी। शहर की पुरानी मंडी में अभी धान की ढेरी नहीं आई है। नई अनाज मंडी में आवक ज्यादा होने के बाद तीसरी मंडी में धान डलवाई जाएगी।

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बाक्स-

मंगलवार को मंडी में 395 क्विंटल धान पहुंची थी जो 2400 से लेकर 2600 रुपये तक बिकी थी। बुधवार सुबह तक कई किसान धान लेकर पहुंचे लेकिन बाद बरसात के कारण नमी होने से राइस मिलरों ने खरीद नहीं की।

दो साल पहले सरकार ने इस धान को सरकारी रेट पर खरीदा था लेकिन भाव काफी कम मिलने से किसान नाराज थे। पिछले सीजन में 2800 रुपये तक 1509 बिकने के कारण इस बार किसानों ने ज्यादा एकड़ में इसे लगाया है। दो दिनों से मंडी में आवक शुरू हो गई है। 15 सितंबर के बाद आवक तेज होने की संभावना है।

प्रवासी मजदूर भी आने शुरू

धान सीजन को लेकर बिहार, उत्तर प्रदेश से आने वाले प्रवासी मजदूर भी आने शुरू हो गए हैं। गेहूं व धान के सीजन में हजारों मजदूर जिलेभर की मंडियों में मजदूरी के लिए आते हैं।

समस्याओं को करें दूर

नई अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान कृष्ण मित्तल ने बताया कि मंडी में टूटी सड़कों का निर्माण होना चाहिए। इसके साथ-साथ जो भी समस्याएं हैं, उन्हें सीजन से पहले दूर किया जाना चाहिए।

हमारे प्रबंध पूरे

मार्केट कमेटी सचिव नरेंद्र कुंडू ने बताया कि धान सीजन को लेकर मंडी में सभी प्रकार के प्रबंध किए गए हैं। दो दिनों से आवक शुरू हुई है। बुधवार को 495 क्विंटल धान आई थी। बरसात के कारण खरीद नहीं हुई है। किसानों से अपील की जा रही है कि वे धान को सुखाकर ही मंडियों में लाएं।


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