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इंजीनियर युवती ने कर ली खुदकुशी, कारण जानकर सभी के उड़ गए होश

जींद में व्हीट एलर्जी की बीमारी से परेशान एक इंजीनियर युवती ने खुदकुशी कर ली। उसने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। बीमारी के कारण उसका वजन लगातार गिर रहा था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 11:49 AM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 11:49 AM (IST)
इंजीनियर युवती ने कर ली खुदकुशी, कारण जानकर सभी के उड़ गए होश

जींद,जेएनएन। यहां एक इंजीनियर युवती ने घर में खुदकुशी कर ली। 25 साल की यह युवती व्हीट एलर्जी से परेशान थी और इस कारण उसका वजन लगातार गिर रहा था। इससे वह बेहद तनाव में थी। सुरभि नामक इस युवती ने चुन्‍नी से गले में फंदा लगा लिया। मानसिक रूप से परेशान रहने के कारण घर वालों ने नौकरी भी छुड़वा दी थी।

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गेहूं के आटे की रोटी खानी छोड़ दी थी, पीजीआइ से चल रहा था इलाज

भारत सिनेमा रोड निवासी सुरभि ने हिसार से बीटेक करने के बाद करीब चार साल पहले गुरुग्राम में निजी कंपनी में जॉब करने लगी। मां सुनीता खेल विभाग में युवा कार्यक्रम अधिकारी हैं। पिता पिता शक्ति सूद निजी स्कूल में म्यूजिक टीचर हैंं। शक्ति ने पुलिस को बताया कि वह और उनकी पत्नी ड्यूटी पर गए हुए थे। घर पर सुरभि अपनी दादी के साथ थी। दादी नहाकर कमरे में आईं तो सुरभि गले में चुन्नी बांध कर पंखे से लटकी हुई थी। सूचना मिलने पर वे घर पहुंचे और फंदे से उतार कर उसे नागरिक अस्पताल लाए।

मानसिक रूप से थी परेशान, छह माह पहले परिजनों ने छुड़ाई थी नौकरी

थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि परिजनों ने बताया है कि सुरभि मानसिक रूप से परेशान थी और उसका रोहतक पीजीआइ व जींद के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। पोस्टमार्टम के बाद शव  परिजनों को सौंप दिया गया।

पिता शक्ति सूद ने बताया कि सुरभि को खाना खाने पर उल्टी-दस्त हो जाते थे। उसका वजन भी लगातार घट रहा था। डेढ़-दो साल पहले पता चला कि उसे व्हीट एलर्जी है। इसके बाद उसने गेहूं का आटा खाना छोड़ दिया और उसकी जगह चावल व चने के बने खाद्य पदार्थ खाने शुरू कर दिए थे। लेकिन सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ और 55 किलो से वजन घट कर फिलहाल 32 किलो के लगभग रह गया था।

पिता शक्ति सूद के मामा डॉ. प्रेम सूद ने बताया कि सुरभि जॉब के दौरान दो-ढाई साल तक तो ठीक रही। उसके बाद मानसिक रूप से परेशान रहने लगी। जब भी घर आती, देर रात तक टीवी देखती रहती। खाना भी समय पर नहीं खाती। यह देख उसकी नौकरी छुड़वा कर मनोचिकित्सक से काउंसिलिंग कराई। उसका रोहतक पीजीआइ में उपचार चल रहा था।


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