Move to Jagran APP

महिलाएं काली चुनरी व पुरुष काली पगड़ी बांधकर आएंगे

जागरण संवाददाता, जींद : ईक्कस में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के धरने के 29वें दिन

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 12:05 AM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 12:05 AM (IST)
महिलाएं काली चुनरी व पुरुष काली पगड़ी बांधकर आएंगे
महिलाएं काली चुनरी व पुरुष काली पगड़ी बांधकर आएंगे

जागरण संवाददाता, जींद : ईक्कस में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के धरने के 29वें दिन रविवार को काला दिवस मनाया जाएगा। शनिवार को मंच से आह्वान किया गया कि सभी महिलाएं काले सूट और काली चुनरी पहनकर आएं और पुरुष सिर पर काली पगड़ी या पट्टी बांधकर आएं। शनिवार को भी महिलाएं काले सूट खरीदकर धरनास्थल पर पहुंचीं। वहीं, धरने पर भी काफी संख्या में महिलाओं को सैकड़ों चुन्नियां दी गई ताकि किसी को कोई परेशानी नहीं आए। खेतों में जाने वाले प्रत्येक जाट अपने कपड़ों के अलावा बैलों व गाड़ियों पर भी काली पट्टी बांधकर चलेंगे।

loksabha election banner

शनिवार को धरने के 28वें दिन की अध्यक्षता गांव बड़ौदा के पंडित महेंद्र शर्मा तथा सेन समाज के गांव बीबीपुर निवासी दलबीर ने की। धरने पर रोड़ समाज मंच के प्रदेशाध्यक्ष छाजूराम जाम्बा भी भारी संख्या में रोड़ समाज के लोगों के साथ पहुंचे तथा मन, मन व धन से अपना पूरा समर्थन देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने लगभग 500 पंचायत प्रतिनिधियों व नंबरदारों की बैठक लेकर उनको काला दिवस में भाग नहीं लेने के लिए डराया व धमकाया है। वीरभान ढुल ने लोगों से आह्वान किया कि वह लोग शहर के बीच से न होकर सीधा बाईपास से होकर आएं ताकि कोई शरारती तत्व इसका फायदा नहीं उठा सके। उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्व इसका फायदा उठाकर जाट समाज को बदनाम करने पर तुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार जो युवक शहर में गए थे, ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए।

दिल्ली से मंगवाकर तीन एकड़ में लगाया टेंट

संघर्ष समिति ने दावा किया कि रविवार को काला दिवस पर लाखों की संख्या में लोग ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के माध्यम से धरना स्थल पर पहुंचेंगे। इसके लिए समिति ने धरना स्थल का दायरा भी बढ़ा दिया है। अब दो एकड़ से तीन एकड़ में टेंट लगाया जा रहा है। समिति के जिला प्रधान वीरभान ढुल ने आरोप लगाया कि जिले के सभी टेंट मालिकों को प्रशासन ने जाट समाज को टेंट उपलब्ध नहीं करवाने के आदेश दिए हैं। इस कारण उन्हें दिल्ली से टेंट मंगवाना पड़ा और वहीं से मजदूरों को बुलाकर एक एकड़ में टेंट की व्यवस्था की जा रही है।

केवल जाट समाज पर बनाए मुकदमे

जिला प्रधान वीरभान ढुल ने कहा कि सरकार ने समानता दिखाने के बजाय जाट समुदाय के लोगों के खिलाफ ही मामले दर्ज किए हैं। पिछली बैठक में जब सरकार से पिछले वर्ष फरवरी में हुए आंदोलन में दर्ज मुकदमों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 2230 मामले दर्ज किए गए, जिसमें से 1600 मामले वापस लेने का दावा किया गया। ढुल ने कहा कि जो मामले शेष बचे हैं, वह केवल जाट समुदाय के युवकों पर हैं। उन्होंने कहा कि सूबे ¨सह समैण व सुरेंद्र ¨सह दहिया सांसद राजकुमार सैनी की तर्ज पर चलकर समाज को गर्त में धकेल रहे हैं। इसलिए इन लोगों को जल्द से जल्द समझ आ जानी चाहिए।

इन्होंने भी किया संबोधित

चौगामा खाप के चौ. बसंत ¨सह दूहन, महेंद्र ¨सह रिढाल, जिला पार्षद रणबीर, सतबीर पहलवान, ईश्वर ¨सह कंडेला, सूबे ¨सह लौहान, छात्तर प्रधान रामदिया, प्रो. कृष्ण श्योकंद, धनराज गिल, कुलदीप रामराय, बिजेंद्र ¨सधु, रामचंद्र भनवाला, जयपाल जुलानी, डॉ. संजय दरियावाला, सुरेश बहबलपुर, रणधीर ईक्कस, डॉ. दलबीर बीबीपुर, रणबीर राठी, महिला प्रधान सुनीता मान, बिमला सिवाच, कमला जुलानी, कमला जलालपुर कलां, सुदेश कालीरमण ने भी संबोधित किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.