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14 लाख आबादी 164 बसों के सहारे, ओवरटाइम बंद करने से बिगड़े हालात

रोडवेज के बेड़े में लगातार बसों की संख्या घटती जा रही है। इससे सवारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 14 लाख आबादी वाले जींद जिले में फ्लाइंग व प्रशिक्षण में लगी बसों को छोड़ कर करीब 164 बसें हैं। उनमें से 154 के करीब ही बसें चलती हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 08:09 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 08:09 AM (IST)
14 लाख आबादी 164 बसों के सहारे, ओवरटाइम बंद करने से बिगड़े हालात

जागरण संवाददाता, जींद : रोडवेज के बेड़े में लगातार बसों की संख्या घटती जा रही है। इससे सवारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 14 लाख आबादी वाले जींद जिले में फ्लाइंग व प्रशिक्षण में लगी बसों को छोड़ कर करीब 164 बसें हैं। उनमें से 154 के करीब ही बसें चलती हैं। पहले जैसे-तैसे काम चल रहा था, लेकिन चालक-परिचालकों का ओवरटाइम बंद करने के बाद हालात और बिगड़ चुके हैं। खासकर ग्रामीण रूटों पर बसों के फेरे कम हो गए।

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ओवरटाइम बंद करने के लिए जिले में रोडवेज ने 117 चालक और 59 परिचालक मुख्यालय से और मांगे थे। लेकिन ये कर्मचारी भेजने की बजाय जींद से 40 चालक व 17 परिचालक चार महीने के लिए डेपुटेशन पर सिरसा भेज दिए गए। करनाल में रोडवेज बस के नीचे आने से आइटीआइ के छात्र की मौत जैसा हादसा जींद में भी कभी भी हो सकता है। जींद शहर में भी कई ऐसी जगह हैं, जहां से विद्यार्थी चलती बसों के पीछे दौड़ते हैं और बसों की खिड़की में लटकते हैं। बस चालक कभी बसों को रोक देते हैं तो कभी नहीं। इसके अलावा बसों के रुकने के लिए निर्धारित किए गए स्टॉपेज पर बसें नहीं रुकने से भी विद्यार्थियों द्वारा हर महीने कहीं न कहीं सड़क पर जाम लगाया जा रहा है। रोडवेज बसों की खिड़कियों में लटककर और बसों की छतों पर यात्रा करना विद्यार्थियों की मजबूरी बन गया है। रोडवेज कर्मचारी इस स्थिति के लिए रोडवेज के बेड़े में बसों की कमी को जिम्मेदार बता रहे हैं। निर्धारित स्टॉपेज पर बसें नहीं रुकने के चलते विद्यार्थियों को बस पकड़ने के लिए अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। जींद में पहले भी कई विद्यार्थियों की जान चलती बस से गिरने के कारण जा चुकी हैं। कई साल पहले एसडी स्कूल के पास एक स्कूली बच्चे की मौत रोडवेज बस की खिड़की से गिरकर हो गई थी। लगभग 10 साल पहले पुरानी सब्जी मंडी मोड़ पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र की मौत हुई थी।

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जल्द आएंगी बसें : पूनिया

जींद डिपो के महाप्रबंधक आरएस पूनिया ने कहा कि सरकार नई बसें की खरीदेगी। अगर तीन सौ बसें खरीदी जाती हैं, तो 10 बसें जींद को मिलेंगी और छह सौ बसें खरीद करते हैं, तो 20 बसें मिलेंगी। इससे कुछ तो राहत मिलेगी। चालक-परिचालकों को सावधानी से बस चलाने के निर्देश दिए गए हैं। यात्रियों को भी खिड़की पर खड़ा नहीं होने की हिदायत दी हैं।

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बेड़े में बसों की संख्या बढ़ाए सरकार : लाठर

हरियाणा कर्मचारी संघ के जींद डिपो के प्रधान अनूप लाठर ने कहा कि सरकार को रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या बढ़ानी चाहिए। हरियाणा में इस समय 14 हजार रोडवेज बसों की जरूरत है। लेकिन सड़कों पर केवल चार हजार बसें ही दौड़ रही हैं। ऐसे में जहां विद्यार्थियों का बसों की छतों पर बैठकर और खिड़कियों में लटक कर सफर करना मजबूरी है, तो चालकों की भी उन्हें बसों में भरकर ले जाना मजबूरी है।


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