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लॉकडाउन में कोरोना संक्रमितों को ट्रेस किया, अब जिदगी का टीका लगाने की ड्यूटी दे रही एएनएम मंजू रानी

कोरोना के कारण शुरुआत में जब लॉकडाउन लगा था उस दौरान स्वार्थ लिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 08:10 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 08:10 AM (IST)
लॉकडाउन में कोरोना संक्रमितों को ट्रेस किया, अब जिदगी का टीका लगाने की ड्यूटी दे रही एएनएम मंजू रानी
लॉकडाउन में कोरोना संक्रमितों को ट्रेस किया, अब जिदगी का टीका लगाने की ड्यूटी दे रही एएनएम मंजू रानी

जागरण संवाददाता, जींद : कोरोना के कारण शुरुआत में जब लॉकडाउन लगा था, उस दौरान स्वास्थ्य विभाग में तैनात एएनएम मंजू रानी ने कोरोना संक्रमितों को ट्रेस किया तो अब कोरोना से बचाव की खातिर जिदगी का टीका लगा अपना क‌र्त्तव्य निभा रही हैं।

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नवरात्र पर्व माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जा रही है। इसी कड़ी में महिलाएं भी देवियों की तरह कोरोना काल में वायरस को खत्म करने का प्रयास कर रही हैं। पिछले साल महामारी की शुरुआत में जब लोग कोरोना के नाम से भी घबराते थे, उस समय भी एएनएम मंजू रानी फ्रंट पर रहकर ड्यूटी की। कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उन्हें होम आइसोलेट करना तथा यह पता करना कि संक्रमित के संपर्क में कितने लोग आए, इस तरह की तमाम जानकारी जुटाने का जिम्मा मंजू रानी और उनकी टीम पर था। मंजू बताती हैं कि कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उसे दवाई देने के साथ-साथ उसे किसी तरह की तकलीफ तो नहीं है, इसे लेकर फॉलोअप भी लेती थी। कई बार तो रात को भी संक्रमितों को ट्रेस करने के लिए जाना पड़ता था। कई बार संक्रमित और उनके स्वजन सहयोग नहीं करते थे और किसी तरह की जानकारी देने से बचते थे, इस पर उनकी अच्छी तरह से काउसिलिग कर उन्हें विश्वास दिलाते हुए मुश्किल से जानकारी लेनी पड़ती थी। कई बार संक्रमित अपना नाम और पता गलत लिखवा देते थे, जिससे उन्हें ट्रेस करने में दिक्कतें आती थी। ---------------

24 घंटे भी करनी पड़ जाती थी ड्यूटी : मंजू

एएनएम मंजू ने बताया कि कोरोना जब पीक पर था तो उस दौरान उन्हें कई बार तो 24 घंटे की ड्यूटी भी करनी पड़ जाती थी। ड्यूटी कर के घर लौटती तो तभी कॉल आ जाती और वापस जाना पड़ता। मंजू ने बताया कि उस दौरान खुद के साथ-साथ परिवार के लोगों को कोरोना से सुरक्षित रखना था तो अपनी ड्यूटी भी करनी पड़ती थी, इसलिए ड्यूटी से घर जाने के बाद खुद को पूरी तरह से सैनिटाइज कर, नहाने और कपड़े धोने के बाद ही घर में बच्चों के पास जाती थी। कुछ समय के लिए बच्चों से भी दूरी बना ली थी, ताकि महामारी से बचा जा सके। मंजू ने हौसले के साथ कोरोना से नहीं घबराते हुए अपना फर्ज निभाया, इसलिए मंजू को देवी का रूप कहा जा सकता है।


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