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छोटूराम कॉलेज में नई शिक्षा नीति पर हुआ मंथन

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के उपलक्ष्य में छोटू राम किसान कॉलेज में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019 पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। प्रिसिपल डॉ. शमशेर सिंह मलिक ने इस नीति के प्रारूप की आवश्यकता तैयार होने की प्रक्रिया चरण और महत्व का विस्तार से वर्णन किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 07:53 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 07:53 AM (IST)
छोटूराम कॉलेज में नई शिक्षा नीति पर हुआ मंथन

जागरण संवाददाता, जींद: राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के उपलक्ष्य में छोटू राम किसान कॉलेज में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019 पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। प्रिसिपल डॉ. शमशेर सिंह मलिक ने इस नीति के प्रारूप की आवश्यकता, तैयार होने की प्रक्रिया, चरण और महत्व का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने पहली शिक्षा नीति 1968, दूसरी शिक्षा नीति 1986, दूसरी शिक्षा नीति में सुधार 1992 और यह तीसरी शिक्षा नीति 2019 के अंतिम प्रारूप के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस प्रारूप नीति में उन्होंने कस्तूरीरंगन की कमेटी, सरकार के विजन, गुणवत्तापूर्वक शिक्षा, तीन भाषाई फार्मूला, चार वर्षीय स्नातक कोर्स और डिजिटलाइजेशन के बारे में विस्तार से समझाया। डॉ. जोगिदर सिंह मलिक ने उच्च शिक्षा में तकनीकी शिक्षा, शिक्षा में 64 कलाओं, सामाजिक- सौहार्द, सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान और एकल परीक्षा आदि के बारे में इंग्लैंड, जर्मनी एवं दक्षिण कोरिया के उदाहरण देते चर्चा की। इस मौके पर डॉ. ब्रह्म प्रकाश ने इस नई शिक्षा नीति के लागू करने के बारे में बाधाओं और समस्याओं के बारे, व्यवसायिक शिक्षण में योगदान के लिए हमारे देश की परिस्थितियों और वित्तीय व्यवस्था के बारे में विस्तार से वर्णन किया। इस अवसर पर कॉलेज के सभी प्राध्यापक और कर्मचारी मौजूद रहे।

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