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थुआ सरकारी स्कूल की छात्राओं ने जागरूकता रैली निकाल पराली ना जलाने का किया आह्वान

थुआ गांव के राजकीय उच्च विद्यालय और राजकीय संस्कृति माडल प्राथमिक स्कूल में दैनिक जागरण के पराली का समाधान है समझदारी अभियान के तहत कार्यक्रम हुआ। विद्यार्थियों को सुबह प्रार्थना सभा में शपथ दिलाई गई कि वे अपने अभिभावकों व आसपास के लोगों को पराली ना जलाने के लिए जागरूक करेंगे। उसके बाद विद्यार्थियों ने गांव में जागरूकता रैली भी निकाली और लोगों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 05:45 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 05:45 PM (IST)
थुआ सरकारी स्कूल की छात्राओं ने जागरूकता रैली निकाल पराली ना जलाने का किया आह्वान
थुआ सरकारी स्कूल की छात्राओं ने जागरूकता रैली निकाल पराली ना जलाने का किया आह्वान

जागरण संवाददाता, जींद : थुआ गांव के राजकीय उच्च विद्यालय और राजकीय संस्कृति माडल प्राथमिक स्कूल में दैनिक जागरण के पराली का समाधान है समझदारी अभियान के तहत कार्यक्रम हुआ। विद्यार्थियों को सुबह प्रार्थना सभा में शपथ दिलाई गई कि वे अपने अभिभावकों व आसपास के लोगों को पराली ना जलाने के लिए जागरूक करेंगे। उसके बाद विद्यार्थियों ने गांव में जागरूकता रैली भी निकाली और लोगों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया।

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सुबह प्रार्थना सभा में मुख्य अध्यापक राजबीर लोहान ने विद्यार्थियों को शपथ दिलाते हुए कहा कि प्रदेश व देश में प्रदूषण की समस्या है। उसके कई कारण हैं। इनमें से पराली जलाना भी शामिल है। पराली जलाने से प्रदूषण तो फैलता ही है। साथ ही जमीन की उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती है और आग की वजह से जमीन के अंदर मित्र कीट मर जाते हैं। पराली को पशु चारे के रूप में प्रयोग करें या फिर खेत में ही मिला कर उसे खाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। जिससे जमीन की ऊपजाऊ शक्ति भी बढ़ेगी। हेड टीचर सुनील आर्य ने फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि किसान कंबाइन से धान कटाई के बाद बेलर से फसल अवशेष की गांठ बनवाकर बेच सकते हैं। वहीं जिन्होंने से फसल की हाथ से कटाई कराई है। उनकी पराली तीन से चार हजार रुपये प्रति एकड़ तक बिक रही है। इस अवसर पर शिक्षक देवी प्रसन्न, रविद्र, राजेश सिवाच, दीपक भारद्वाज, कांता देवी, सुरेंद्र, सुदेश, रमन मौजूद रहे।

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प्रदूषण से मानव शरीर में खतरनाक बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। फसल अवशेष ना जलाकर हम पर्यावरण प्रदूषण को कुछ कम कर सकते हैं। वहीं प्रदूषण फैलने के जो दूसरे कारण है, उस तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है।

खुशबू, छात्रा -------------

पर्यावरण संरक्षण के लिए दैनिक जागरण की ये अच्छी पहल है। जिससे लोगों में जागरूकता आएगी। वह अपने अभिभावकों और आसपास के लोगों को पराली जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में जागरूक करेंगी। - शकिना, छात्रा --------------- आजकल सबसे ज्यादा चर्चा प्रदूषण पर ही हो रही है। इस गंभीर समस्या से निपटना है, तो सबको सहयोग देना होगा। फसल अवशेष ना जलाकर, कूड़े में आग ना लगाकर और दूसरों को ऐसा करने से रोक कर हम अपना योगदान दे सकते हैं।

माफी, छात्रा


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