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जींद में हाउसिग बोर्ड की लापरवाही, बिजली कनेक्शन न होने से गर्मी और अंधेरे में रात काटेंगे लोग

न्यू हाउसिग बोर्ड कालोनी सेक्टर आठ में विजिलेंस टीम की ओर से शुक्रवार शाम को बिजली केबल उतारने के बाद अलाटी अंधेरे में रात बिताने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 08:34 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 08:34 AM (IST)
जींद में हाउसिग बोर्ड की लापरवाही, बिजली कनेक्शन न होने से गर्मी और अंधेरे में रात काटेंगे लोग

जागरण संवाददाता, जींद : न्यू हाउसिग बोर्ड कालोनी सेक्टर आठ में विजिलेंस टीम की ओर से शुक्रवार शाम को बिजली केबल उतारने के बाद अलाटी अंधेरे में रात बिताने को मजबूर हैं। बिजली चोरी का हर्जाना अलाटी भरेंगे या हाउसिग बोर्ड। अभी इसका फैसला नहीं हुआ है। लेकिन हाउसिग बोर्ड की लापरवाही का खामियाजा अलाटी भुगत रहे हैं। हाउसिग बोर्ड की तरफ से सेक्टर आठ में 252 फ्लैट बनाए गए हैं। एक फ्लैट की कीमत करीब 12 लाख रुपये है। इन फ्लैट में 66 अलाटी कब्जा ले चुके हैं। लेकिन हाउसिग बोर्ड की तरफ से बिजली की व्यवस्था नहीं की गई है। हाउसिग बोर्ड प्रशासन ने ट्रांसफार्मर तो लगा दिए हैं। लेकिन इसके लिए बिजली की व्यवस्था नहीं हुई है। हाउसिग बोर्ड ने कार्यालय के लिए एक कनेक्शन लिया हुआ है। उसी से फ्लैटों में रह रहे लोगों को बिजली सप्लाई दे दी गई। नियमानुसार फ्लैट में अलग से बिजली मीटर होना चाहिए। जिसके लिए बिजली निगम न्यू हाउसिग बोर्ड कालोनी में अलग से बिजली फीडर देगा। इसके लिए हाउसिग बोर्ड प्रशासन को करीब 30 लाख रुपये बिजली निगम को देने हैं। बिजली फीडर और कालोनी में ट्रांसफार्मर व अन्य व्यवस्था होने पर हाउसिग बोर्ड की तरफ से बिजली सप्लाई की जिम्मेदारी बिजली निगम को हैंडओवर की जानी है। उसके बाद फ्लैट धारक आवेदन कर बिजली निगम से कनेक्शन लेंगे। ऐसे में जब तक ये सारी प्रक्रिया पूरी नहीं होती, लोगों को फ्लैटों में अंधेरे में ही रात बितानी होगी। दनौदा गांव के बुजुर्ग अमरलाल यहां फ्लैट किराये पर लेकर पत्नी के साथ रह रहे हैं।

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अमरलाल ने बताया कि शुक्रवार को विजिलेंस टीम केबल उतार कर ले गई थी। उसके बाद सारी रात अंधेरे में बीती। गर्मी की वजह से बरामदे में बैठ कर दिन गुजारा। अधिकारी कह तो रहे हैं कि जल्द ही कनेक्शन हो जाएंगे। फ्लैट में हुई देरी, बढ़े रेट

हाउसिग बोर्ड जींद फ्लैट्स ओनर वेलफेयर एसोसिएशन साल 2018 से फ्लैटों की बढ़ी कीमतें कम करने और मूलभूत सुविधाएं पानी, बिजली, सीवरेज की मांग हाउसिग बोर्ड प्रशासन से करती रही है। एसोसिएशन पदाधिकारियों ने बताया कि साल 2010 में फ्लैट की 7.5 लाख रुपये कीमत का विज्ञापन प्रकाशित करके आवेदन मांगे थे और साल 2012 में फ्लैट्स हैंडओवर करने थे। लेकिन विभाग और ठेकेदार की लापरवाही व लेटलतीफी के कारण छह साल बाद साल 2018 में 16.78 लाख रुपये कीमत तय करके हाउसिग बोर्ड ने अलाटियों को कब्जा लेने के लिए आफर किया। अलाटियों की मांग पर फ्लैट की कीमत कुछ कम कर दोबारा कब्जा लेने के लिए कहा गया। एसोसिएशन पदाधिकारियों ने बताया कि 15 जून तक कब्जा नहीं लेने पर हाउसिग बोर्ड ने फ्लैट रद करने की चेतावनी दी। जिसके दबाव में 60 से ज्यादा अलाटी कब्जा फ्लैट पर कब्जा ले चुके हैं। लेकिन अभी तक फ्लैट्स में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। विजिलेंस और बिजली निगम ने शुक्रवार रात को जो बिजली चोरी पकड़ी है। उसमें अलाटियों फ्लैटों में रहने वाले लोगों का कोई दोष नहीं है। हाउसिग बोर्ड द्वारा ही अलाटियों को बिजली सप्लाई उपलब्ध कराई जा रही थी। केबल उतारने से फ्लैटों में रह रहे परिवारों को बगैर बिजली के गर्मी के मौसम में रात गुजारनी पड़ी। बच्चे और महिलाएं मच्छरों से परेशान रहे। डीसी से मिलने पहुंचे एस्टेट अधिकारी

हाउसिग बोर्ड एस्टेट अधिकारी प्रताप सैनी इस मामले में बात करने के लिए शनिवार को डीसी डा. आदित्य दहिया से मिलने पहुंचे। लेकिन डीसी के बाहर होने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी। संपदा अधिकारी ने बताया कि बिजली कनेक्शन के लिए एस्टीमेट तैयार हो चुका है। प्रक्रिया चल रही है। उनके अधिकारी पिछले दिनों बिजली निगम के अधिकारियों से भी मिले थे। जल्द ही बिजली सप्लाई शुरू हो जाएगी।


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