नाटक का पात्र स्वयं को मारकर किसी अन्य की भूमिका को जीवंत कर देता है : शर्मा
संस्कार भारती हरियाणा प्रांत की तरफ से दो दिवसीय रंगमंच मूल्यांकन कार्यशाला का शुभारंभ गोपाल विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हुआ।
जागरण संवाददाता, जींद : संस्कार भारती हरियाणा प्रांत की तरफ से दो दिवसीय रंगमंच मूल्यांकन कार्यशाला का शुभारंभ गोपाल विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हुआ। नाट्यशास्त्र के रचयिता भरतमुनि दिवस के अवसर पर आयोजित इस दो दिवसीय रंगमंच एवं नाट्य कार्यशाला कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. मीना शर्मा उपस्थित रही। उन्होंने कहा कि नाटक देखना जितना रुचिकर लगता है। नाटक करना उतना ही मुश्किल काम है। नाटक का पात्र स्वयं को मारकर किसी अन्य की भूमिका को जीवंत कर देता है। विभिन्न जिलों से आए रंगकर्मी और नाटककारों का स्वागत करते हुए संस्कार भारती हरियाणा प्रांत के अध्यक्ष डॉ. अजय शर्मा ने कहा कि हमेशा से ही नाटक के द्वारा लोगों को बहुत ही सहज, मनोरंजक, प्रभावी और सरल तरीके से अपनी बात बताई जा सकती है। इससे पहले संस्कार भारती जिला इकाई जींद संस्था के अध्यक्ष नरेंद्र अत्री ने जिला इकाई के अन्य पदाधिकारियों के साथ बाहर से आए विशिष्ट अतिथियों का उत्तरीय और श्रीफल देकर सम्मान किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. पवन आर्य तथा दीपक कौशिक ने बताया कि यह कार्यशाला रंग कर्मियों और नाटककारों की लेखन और नाट्य शैली को और बेहतर करने के लिए आयोजित की गई है। कार्यशाला में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के पूर्व निदेशक डॉ. वरियाम मस्त ने धार्मिक नाट्य शैली एवं लेखन तथा निर्देशन पर विस्तार से जानकारी दी। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली के प्रोफेसर रमेश मनचंदा ने भारतीय नाट्य विधा का का इतिहास एवं अभिनय और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में प्रवेश प्रतिक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ हनीफ खान तथा वीरभान ने नाट्य योग एवं रंगमंच खेल, के बारे में विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम में पंचकूला, फरीदाबाद, पलवल, भिवानी, सिरसा आदि कई जिलों से आए नाटककारों के साथ-साथ जींद से रामफल सिंह खटकड़, ओमप्रकाश चौहान, यशुदास, मोहित बब्बर, शकुन्तला काजल, नरेश चौधरी, जितेन्द्र अहलावत, बिशम्बर तिवारी, मंजू मानव, सुशीला जांगड़ा ने भाग लिया।