रत्ताखेड़ा में तालाब की जेसीबी से की खोदाई, ग्रामीणों ने किया हंगामा
रत्ता खेड़ा गांव में छुट्टी के दिन पहले से गहरे खुदे तालाब को अवैध रूप से जेसीबी से खोदाई कराने के मामले में हंगामा हो गया। एसडीएम ने पंचायती राज के अधिकारियों से मामले की जांच करने के आदेश दिए। तभी जेई राजेश व एसईपीओ सत्यवान ने मौके पर पहुंचकर कार्य बंद कराया।
संवाद सूत्र, सफीदों : रत्ता खेड़ा गांव में छुट्टी के दिन पहले से गहरे खुदे तालाब को अवैध रूप से जेसीबी से खोदाई कराने के मामले में हंगामा हो गया। एसडीएम ने पंचायती राज के अधिकारियों से मामले की जांच करने के आदेश दिए। तभी जेई राजेश व एसईपीओ सत्यवान ने मौके पर पहुंचकर कार्य बंद कराया।
ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन से इस तालाब की खुदाई को मनरेगा में एस्टीमेट बनाने से मना कर दिया तो सरपंच ने पास की पंचायती जमीन में खड़ी धान भी खोदाई कराने का एस्टीमेट बनवा दिया। सरपंच ने अवैध रूप से मस्ट्रोल तैयार करने के लिए छुट्टी के दिन जेसीबी से खोदाई शुरू करा दी। जबकि केंद्र की मनरेगा योजना में जेसीबी से खुदाई कराना अवैध है। ग्रामीणों को जैसे ही इस बात की भनक लगी तो उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचे हंगामा शुरू कर दिया। ग्राम पंचायत व ग्रामीणों के बीच काफी देर तक नोक-झोंक चली। इस दौरान ग्रामीण दो पक्षों में बंट गए। उन्होंने सरपंच को काम बंद करा चाहा तो उन्होंने काम बंद नहीं किया। तभी ग्रामीणों ने फोन के माध्यम मामले की सूचना स्थानीय एसडीएम मनदीप कुमार को दी।
पूर्व सरपंच सुशील, पूर्व कैप्टन लहणा सिंह, नंबरदार भीम सिंह, कर्मबीर सैनी, कृष्ण पवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले से ही 12 फुट गहरे तालाब को अवैध रूप से 22 फुट तक खोद दिया है, जो खतरनाक है।
तालाब को गहरा नहीं रखा जाएगा
रत्ताखेडा की महिला सरपंच प्रतिनिधि संदीप ने बताया कि स्कूल पार्क में भरत व गांव के बीच के तालाब के भरत के लिए प्रस्ताव पास कर तालाब के नीचे सुखी मिट्टी उठाई जा रही है। पास से गिली मिटटी जेसीबी से खुदाई करवाकर तालाब में डलवाई जाएगी। तालाब को गहरा नहीं रखा जाएगा।
काम को बंद कराया गया : एसडीएम
पंचायती राज विभाग के एसडीएम कृष्ण पाटिल ने कहा जेई व अन्य अधिकारियों को भेजकर काम को बंद करा दिया है। अगर ग्राम पंचायत ने कोई प्रस्ताव भी पास किया है तो कोई पेमेंट नहीं की जाएगी। मनरेगा योजना की एबीपीओ सुषमा ने कहा कि अगर सरपंच ने जिस जमीन के लिए मनरेगा में एस्टीमेट बनवाया है, उसकी जमीन की जेसीबी से खोदाई कराई है, तो वहा पर कोई काम शुरू नहीं कराया जाएगा।
गहरे तालाब से पहले भी हो चुके हैं हादसे
गहरे तालाब खोदने से पहले कई बड़े हादसे हो चुके हैं। खेड़ाखेमावती में इसी साल 24 मार्च को मिट्टी की जरूरत व पैसे को बचाने के चक्कर में सरपंच ने तालाब को इतना गहरा खुदवा दिया की, मिटटी के नीचे दबने से दो महिलाओं की मौत व 8 महिलाएं घायल हो गई थी। एक साल पहले मनरेगा योजना के तहत खुदाई करते समय मिट्टी का तोंदा गिरने से चार मजदूर महिलाएं घायल हो गई थी।