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स्वामी ओम आनंद सरस्वती स्मृति तुलसी सम्मान से सम्मानित हुए युयुत्सु

प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार रामशरण युयुत्सु के अभिनंदन में बुलबुल रेस्टोरेंट में राष्ट्रीय स्तर के साहित्यिक कार्यक्रम में देश के वरिष्ठ साहित्यकारों ने भाग लिया। इस मौके पर स्वामी डॉ. ओमानंद सरस्वती द्वारा दो खंडों में संपादित साहित्यसेवी श्री रामशरण युयुत्सु अभिनंदन ग्रंथ का विमोचन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 09:25 AM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 09:25 AM (IST)
स्वामी ओम आनंद सरस्वती स्मृति तुलसी सम्मान से सम्मानित हुए युयुत्सु
स्वामी ओम आनंद सरस्वती स्मृति तुलसी सम्मान से सम्मानित हुए युयुत्सु

जागरण संवाददाता, जींद : प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार रामशरण युयुत्सु के अभिनंदन में बुलबुल रेस्टोरेंट में राष्ट्रीय स्तर के साहित्यिक कार्यक्रम में देश के वरिष्ठ साहित्यकारों ने भाग लिया। इस मौके पर स्वामी डॉ. ओमानंद सरस्वती द्वारा दो खंडों में संपादित 'साहित्यसेवी श्री रामशरण युयुत्सु अभिनंदन ग्रंथ' का विमोचन किया गया। इसके अलावा युयुत्सु द्वारा रचित तीन अन्य पुस्तकों 'जींद के संघर्ष', 'पांचाल समाज की विभूतियां' तथा 'पांचाल ब्राह्मण प्रकाश' का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर प्रो. डॉक्टर राजलक्ष्मी कृष्ण की दो पुस्तकों दक्षिण के तट से निबंध संग्रह तथा संत गुरु ज्ञान संबंधी जीवनी का तथा संगीत आचार्य ओमप्रकाश पांचाल की पुस्तक तानसेन राजकोष का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश तुलसी साहित्य अकादमी भोपाल जिला शाखा टीकमगढ़ द्वारा रामशरण युयुत्सु को 'स्वामी ओम आनंद सरस्वती स्मृति तुलसी सम्मान 2019'से सम्मानित किया गया। समारोह में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व हिदी विभागाध्यक्ष डॉ. लालचंद गुप्त मंगल, राजस्व विभाग के विशेष सचिव तथा कला एवं संस्कृति कार्यों के निदेशक महेश्वर शर्मा, डॉ. सीमा श्रीमाली, राजस्थान के बांसवाड़ा विख्यात साहित्यकार डॉ. अशोक पंड्या, प्रमुख साहित्यकार डॉ. रतन चंद Þविषहर', जींद के वरिष्ठ साहित्यकार रामफल सिंह खटकड़ व नरेंद्र अत्री ने शिरकत की। वरिष्ठ साहित्यकार रामफल सिंह खटकड़ ने कहा कि रामशरण युयुत्सु साहित्य के क्षेत्र में जींद जनपद का गौरव हैं। इनके द्वारा लेखन, निर्देशन व संपादन के माध्यम से लगभग चार दर्जन पुस्तकें प्रकाश में लाई जा चुकी हैं। वर्षों से 'अंगिरापुत्र' नामक मासिक पत्रिका का सफल प्रकाशन भी कर रहे हैं। उनकी लेखनी आने वाली पीढि़यों को भी सद्साहित्य लेखन के लिए प्रेरित करती रहेगी।

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समारोह में चेन्नई से प्रो. डा. राजलक्ष्मी कृष्णन, चित्तौड़गढ़ राजस्थान से डॉ. संगीता श्रीमाली तथा देहरादून उत्तराखंड से प्रोफेसर डॉ. रंजना राजदान को 'साहित्य मनीषी' तथा डॉ. रतनचंद विषहर को 'साहित्य भास्कर' से सम्मानित किया गया। सुरेंद्र कौर पांचाल को 'अनुवाद रत्न' तथा ओम प्रकाश पांचाल को 'संगीत आचार्य' सम्मान से सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश से पधारे साहित्यकार कवि डॉ. लालजी सहाय श्रीवास्तव लाल, अंबाला के मंचीय कवि डॉ. उदय ठाकुर तथा कार्यक्रम में मंच का संचालन कर रहे कवि साहित्यकार नरेंद्र अत्री ने श्रेष्ठ कविताओं से श्रोताओं की वाहवाही लूटी।


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