कुछ पवन चले बहकी-बहकी, कुछ बादल की शैतानी है..
जागरण संवाददाता, जींद : संस्कार भारती के तत्वावधान में ¨हदी भवन में रविवार को साहित्य गोष्ठ
जागरण संवाददाता, जींद : संस्कार भारती के तत्वावधान में ¨हदी भवन में रविवार को साहित्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। हरियाणा आयुष विभाग निदेशक डॉ. संगीता नेहरा, वरिष्ठ साहित्यकार रामफल ¨सह खटकड़ ने शिरकत की। इस अवसर पर खटकड़ ने कहा कि संस्कार भारती का यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है। खटकड़ ने कहा कि अच्छे साहित्य का सृजन जितना आवश्यक है, उतना ही आवश्यक है, उसका लोगों के बीच पहुंचना।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं डॉ. संगीता नेहरा ने कहा कि आज की भागदौड़ और तनावभरी ¨जदगी हमें अपने भीतर झांकने की मोहलत भी नहीं देती। इस अंधी दौड़ में शामिल हम सब स्वयं से ही दूर होते जा रहे हैं। युवा कवि अमरजीत धीमान ने हर रोज निकल जाता हूं घर से, पता भी नहीं होता कि कहां जाना है कविता सुनाई। कवयित्री मंजु मानव ने इस झूठे सांसारिक मिलन पर कटाक्ष करते हुए कहा, सबको लगता यही, मिल रहे हैं कहीं, ये जमीं-आसमां, न मिले थे कभी।
कवयित्री ममता भारद्वाज ने नारी सशक्तीकरण पर बेहद जोशीली रचना पढ़ी। नारनौंद से आए वरिष्ठ गजलकार देवदत्त देव ने हमेशा की बेहद खूबसूरत और संवेदनशील गजल सुनाई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार नरेंद्र अत्री ने सावन के मौसम पर कविता सुनाते हुए पेड़ों की महता का जिक्र कुछ इस अंदाज में किया।
उन्होंने यह मस्त महीना सावन का, हर तरफ फिजां मस्तानी है। कुछ पवन चले बहकी-बहकी, कुछ बादल की शैतानी है। इस मौके पर साहित्य गोष्ठी में उपन्यासकार नरेश चौधरी ने कविता के साथ प्रेरणादायक लघुकथा भी पढ़ी। इस अवसर पर प्रो. एमआर सेठी, रमेश कुमार, नरेंद्र नाथ शर्मा, राजेश कुमार, राजेश शास्त्री, सुभाष ढिगाना, डॉ. हनीफ खान, बिजेंद्र ¨सह, चांदराम काजल आदि मौजूद रहे।