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लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी शहर की 60 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट खराब

लाखों खर्च करने बावजूद शाम होते ही सड़कों और कई मोहल्लों में अंधेरा पसर जाता है। नगर परिषद हर वर्ष स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस पर लाखों रुपये खर्च करता है। बावजूद शहर में करीब 60 फीसदी स्ट्रीट लाइटें बंद ही रहती हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 10:13 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 06:35 AM (IST)
लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी शहर की 60 प्रतिशत स्ट्रीट लाइट खराब

जागरण संवाददाता, जींद : लाखों खर्च करने बावजूद शाम होते ही सड़कों और कई मोहल्लों में अंधेरा पसर जाता है। नगर परिषद हर वर्ष स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस पर लाखों रुपये खर्च करता है। बावजूद शहर में करीब 60 फीसदी स्ट्रीट लाइटें बंद ही रहती हैं।

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नगर परिषद की सीमा में लगभग पांच हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट हैं और करीब 100 हाईमास्ट लाइट चौराहों पर लगी हुई हैं। इनमें से अधिकतर खंभों पर लगी लाइट शोभा की वस्तु बनी हुई हैं। ज्यादातर लाइट या तो बंद पड़ी हैं या फिर उससे कम रोशनी निकल रही है। कहीं स्विच खराब हैं, तो कहीं कनेक्शन का तार टूटा और लटका हुआ है। सड़कों व गली-मोहल्लों में लगी स्ट्रीट लाइट बंद होने पर अंधेरे के कारण आए दिन लोग गड्ढे में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। लोगों की लगातार मांग के बाद भी नप प्रशासन सुध नहीं ले रहा है। शहर के मुख्य गोहाना रोड व अर्बन एस्टेट से होते हुए सफीदों बाईपास जाने वाले रोड व पटियाला चौक से सफीदों बाईपास पर लोगों की आवाजाही काफी है। ऐसे में शाम ढलने के बाद स्ट्रीट लाइट नहीं जलने के कारण इन रास्तों पर अंधेरा छा जाता है। वाहन चालकों के अलावा पैदल आने-जाने वालों को भी खासी दिक्कत हो रही है। सरकार से नहीं मिला था सात करोड़ का बजट

शहर की मुख्य सड़कों के अलावा कॉलोनियों की स्ट्रीट लाइट के लिए 7 करोड़ रुपये के बजट की डिमांड की थी। लेकिन सरकार ने नगर परिषद को खुद के बजट से ही स्ट्रीट लाइट लगाने की बात कहकर बजट देने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद 17 जुलाई को हुई हाउसिग की मीटिग में नगर परिषद ने शहर की मुख्य सड़कों व वार्ड एक से 31 में नप के अंतगर्त आने वाली कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइट लगाने व खरीदने का प्रस्ताव पारित किया गया है। बजट के इंतजार में पिछले दो साल से शहर के लोग अंधेरे में ही सड़कों से निकलने के लिए मजबूर हैं।

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नजर नहीं आते पानी से भरे गड्ढे

शहर के अधिकतर प्रशासनिक अधिकारी गोहाना रोड से निकलते हैं। इसके बावजूद सड़कों पर बंद स्ट्रीट लाइट दिखाई नहीं दे रही। इसके अलावा अधिकतर मार्ग पर गहरे गड्ढे बने हुए हैं। स्ट्रीट लाइट बंद होने के कारण अंधेरे में दुपहिया वाहन चालकों को गिरने का खतरा रहता है।

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गोवंश से टकरा रहे वाहन

शाम होते ही शहर का अधिकतर गोवंश शहर के मुख्य मार्गों के बीच में आ जाते हें। स्ट्रीट लाइट नहीं होने के कारण दुपहिया वाहन चालक इनसे टकराकर घायल हो जाते है। इंप्लाइज कॉलोनी निवासी शमशेर ने बताया कि बृहस्पतिवार को वह बस स्टैंड से बाइक से घर की तरफ आ रहा था। जब वह लघु सचिवालय के सामने पहुंचा तो काफी संख्या में गोवंश बैठे था। स्ट्रीट लाइट खराब होने के कारण दिखाई नहीं दिए और वह एक सांड से टकराकर गिर गया। जिससे उसे काफी चोट आई है। अगर स्ट्रीट लाइट जलती होती तो वह हादसे से बच जाता।

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शहर में स्ट्रीट लाइटों की समस्या को जल्द दूर किया जाएगा। सफीदों रोड व गोहाना रोड पीडब्ल्यूडी के अंतगर्त आता है। फिर भी गोहाना रोड पर जनता की सुविधा के लिए नगर परिषद मरम्मत करवा देती है। कॉलोनियों की खराब लाइटों को ठीक करवाने के लिए जल्द ही टेंडर लगाया जाएगा।

पूनम सैनी, प्रधान, नगरपरिषद, जींद


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