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रोडवेज की हड़ताल खत्म, 137 बसें चली, यात्रियों को मिली राहत, 18 दिनों में रोडवेज को लगी 3.50 करोड़ की चपत

17 बसों में आई काफी दिक्कत, 2 बसें हुई कंडम जागरण संवाददाता, जींद : कोर्ट के आदेशों

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 05:27 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 05:27 PM (IST)
रोडवेज की हड़ताल खत्म, 137 बसें चली, यात्रियों को मिली राहत, 18 दिनों में रोडवेज को लगी 3.50 करोड़ की चपत
रोडवेज की हड़ताल खत्म, 137 बसें चली, यात्रियों को मिली राहत, 18 दिनों में रोडवेज को लगी 3.50 करोड़ की चपत

17 बसों में आई काफी दिक्कत, 2 बसें हुई कंडम

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जागरण संवाददाता, जींद : कोर्ट के आदेशों के बाद रोडवेज कर्मचारी हड़ताल समाप्त कर शनिवार को काम पर लौट आए। जिलेभर में 137 बसें रूटों पर निकाली गई। इनमें जींद से 78, सफीदों से 31 व नरवाना से 28 बसें चलाई गई। हड़ताल के चलते पिछले 18 दिनों में रोडवेज को अनुमानित 3.50 करोड़ की चपत लग चुकी है। चालक प्रशिक्षण केंद्र के बाहर 18 दिनों से चल रहे धरने पर शनिवार सुबह 8 बजे गेट मी¨टग कर सभी कर्मचारियों ने ड्यूटी को ज्वॉइन की। जिसके बाद से बसों को चलाया गया। बसों को चलने के बाद से यात्रियों के साथ-साथ रोडवेज अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली। अधिकारियों ने पिछले 18 दिनों में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए भी प्रयास शुरू कर दिए हैं। बता दें कि किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बस को रोडवेज बेड़े में शामिल करने के विरोध में 16 अक्टूबर से रोडवेज कर्मचारियों ने चक्का जाम किया हुआ था।

विभाग को नहीं दिया किराया

सबसे ज्यादा भारी नुकसान विभाग को स्कूल बसों, को किलोमीटर स्कीम के तहत शामिल करने, होमगार्ड के जवानों परिचालक बनाने और ठेके पर लगाए 50 ड्राइवरों से हुआ है। क्योंकि इन्होंने रूट के हिसाब से लिया गया किराया विभाग को जमा नहीं करवाया।

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चालक परिचालकों ने बसों को साफ कर निकाला

वर्कशॉप में कर्मचारियों की कमी होने की वजह से ड्राइवर-कंडक्टरों ने खुद बसों को धोकर वर्कशॉप से निकाला। परिसर में खड़ी बसों को भी सर्विस के लिए वर्कशॉप लाया गया। जिसकी वजह से शनिवार सुबह वर्कशॉप में बसों को निकालने और ले जाने को लेकर गहमागहमी रही। कई बसों को बिना समय सारणी के लिए निकाला गया। अब पूरी स्थिति ठीक होने में दो दिन का समय लग सकता है।

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ठेके पर लगे ड्राइवरों ने नहीं की बसों की देखभाल

हड़ताल के कारण ठेके पर लगे ड्राइवरों ने बसों की देखभाल को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया। जिसकी वजह से रोडवेज की 17 बसों में कल्च प्लेट, डिफरेंसल, गेयर बक्सा, शॉफ्ट, एक्सिलेटर, पंप में दिक्कतें सामने आई है। इन बसों को पूरी तरह से ठीक करके चलाने में एक सप्ताह का समय लगेगा। इतना ही नहीं दो बसें जिनमें सफीदों से 1 व जींद रोहतक रूट वाली 1 बस बिल्कुल ही कंडम हो चुकी है।

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ठेके पर लगाए 50 ड्राइवरों के हटाने के आदेश जारी, ड्राइवरों में बना रोष

हड़ताल खत्म होने के बाद शनिवार सुबह निदेशालय ने ठेके पर लगे 50 ड्राइवरों को तुरंत प्रभाव से हटाने के निर्देश जारी कर दिए। जिसके बाद से इन ड्राइवरों में रोडवेज प्रशासन व सरकार के खिलाफ रोष बना हुआ है। ठेके पर लगे ड्राइवरों का कहना है कि जब मुसीबत थी, तो हमें ले लिया और जब वह टल गई तो एकदम से हटा दिया गया जो कि गलत है। इनको भी शामिल रखा जाए।

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बसों में दिक्कत आ रही है जिनको ठीक करने के बाद ही निकाला जाएगा। क्योंकि बसें 18 दिनों से खड़ी थी और जो चल रही थी उनकी देखभाल भी ठीक नहीं हुई है। वैसे जिले में 137 बसों को निकाला गया है। जिन बसों को भेजा गया है उनमें दिक्कत कोई दिक्कत है तो वह उनके आने के बाद ही ड्राइवर बता पाएगा।

गुलाब ¨सह, डब्ल्यूएम, रोडवेज, जींद।

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कोर्ट के आदेशों के बाद हड़ताल शुक्रवार को ही समाप्त हो गई थी। शनिवार को सुबह से सभी रूटों पर बसों को भेज दिया गया। 19वें दिन यात्रियों को राहत की सांस मिली है। पिछले 18 दिनों में विभाग को काफी नुकसान हुआ है।

प्रदीप कुमार, रोडवेज जीएम, जींद।


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