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उचाना कलां से बुडायन तक 7.14 करोड़ की लागत से सड़क होगी चौड़ी

चाना कलां से बुडायन गांव तक लोक निर्माण विभाग द्वारा 18 फुट की सड़क की चौड़ाई को बढ़ाकर 23 फुट किया जाएगा। सड़क की चौड़ाई पर सात करोड़ 14 लाख रुपए के लगभग की राशि खर्च होगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 06:44 AM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 06:44 AM (IST)
उचाना कलां से बुडायन तक 7.14 करोड़ की लागत से सड़क होगी चौड़ी
उचाना कलां से बुडायन तक 7.14 करोड़ की लागत से सड़क होगी चौड़ी

संवाद सूत्र, उचाना : उचाना कलां से बुडायन गांव तक लोक निर्माण विभाग द्वारा 18 फुट की सड़क की चौड़ाई को बढ़ाकर 23 फुट किया जाएगा। सड़क की चौड़ाई पर सात करोड़ 14 लाख रुपए के लगभग की राशि खर्च होगी। बुडायन, भौंगरा गांव में सड़क किनारे पानी की निकासी को लेकर नालों का निर्माण भी होगा। सड़क की चौड़ाई बढ़ने से वाहन चालकों को आवागमन के दौरान फायदा होगा।

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राजबीर, शीशपाल, प्रवीण, रामचंद्र ने बताया कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से उचाना कलां से बुडायन तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाने की मांग की थी ताकि आवागमन में वाहन चालकों को परेशानी न हो। भौंगरा गांव में तो गली का पानी सड़क पर आने के चलते सड़क गढ्डों में तबदील हो चुकी हैं। भौंगरा, बुडायन में सड़क किनारे नाले बनाने की मांग भी डिप्टी सीएम से की गई थी। ग्रामीणों की यह दोनों मांगें अब पूरी हो गई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यह रास्ता देवभूमि बनभौरी की तरफ भी जाता है। देश भर के कोने-कोने से श्रद्धालु बनभौरी आते हैं। सड़क की चौड़ाई 23 फुट होने से लोगों को काफी सुविधा होगी। लोक निर्माण विभाग उचाना के एसडीओ संदीप सचदेवा ने बताया कि 10 किलोमीटर की सड़क चौड़ी करने को लेकर करीब 7.14 करोड़ रुपये खर्च होंगे। निर्माण कार्य शुरू करवा दिया गया है। भौंगरा, बुडायन में गंदे पानी की निकासी को लेकर नाले भी बनाए जाएंगे।

मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई करे प्रशासन : दलीप सिह

जागरण संवाददाता, जींद : सिटी रेजिडेंस वेलफेयर सोसाइटी की मुख्य कार्यकारिणी की शहर के ज्वलंत मुद्दों को लेकर बैठक हुई। अध्यक्ष दलीप सिंह चहल ने बताया कि बैठक में आवारा पशुओं, बंदरों, सफाई, सीवरेज समस्या पर चर्चा की गई। शहर की सबसे ज्वलंत समस्या खाद्य सामग्री में मिलावट के अमानवीय कृत्य की है। सरकार का काम विशुद्ध खाद्य सामग्री नागरिकों को मुहैया करवाना है। एक महिला अधिकारी ने दुकानों पर खाद्य सामग्री के सैंपल लेने शुरू किए, लेकिन कुछ तथाकथित संगठन सैंपल लेने के विरोध में खड़े हो गए और महिला अधिकारी पर रिश्वत लेने के आरोप लगाने लगे। अगर दुकानदार विशुद्ध सामग्री बेचते हैं, तो सैंपल से क्यों डरते हैं। अगर सामग्री में मिलावट है, तो विरोध क्यों। प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है, जनहित के कार्य में बाधा न बनकर उसमें साथ देना चाहिए। सैंपल लेने वाली महिला अधिकारी को डीसी फोर्स और अन्य कानूनी शक्तियां देकर अभियान चलवाएं। किसी जांच एजेंसी द्वारा जांच करा कर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अगर जल्द ही प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता है, तो आंदोलन किया जाएगा।


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