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राजेश वशिष्ठ को स्काउटिग और सामाजिक कार्यो के लिए नेशनल चीफ कमिश्नर ने किया सम्मानित

शिक्षक जिसका जुनून इस कद्र हावी हुआ कि उसे समाज को नई दिशा देनी है। उसके लिए बच्चों को खेल-खेल में सटीक शिक्षा देते हुए उनमें नैतिक और सामाजिक गुणों को विकसित करना है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 10:17 AM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 10:17 AM (IST)
राजेश वशिष्ठ को स्काउटिग और सामाजिक कार्यो के लिए नेशनल चीफ कमिश्नर ने किया सम्मानित
राजेश वशिष्ठ को स्काउटिग और सामाजिक कार्यो के लिए नेशनल चीफ कमिश्नर ने किया सम्मानित

जागरण संवाददाता, जींद : शिक्षक जिसका जुनून इस कद्र हावी हुआ कि उसे समाज को नई दिशा देनी है। उसके लिए बच्चों को खेल-खेल में सटीक शिक्षा देते हुए उनमें नैतिक और सामाजिक गुणों को विकसित करना है। जरूरतमंद लोगों की सहायता करना है। जब भी, जहां भी सेवा करने का अवसर मिला, दिल से नि:स्वार्थ भाव से पूरी लगन और ईमानदारी से अपना कार्य किया। इन उपलब्धियों के लिए शिक्षक और जिला संगठन आयुक्त राजेश वशिष्ठ को गुरुग्राम में आयोजित भारत स्काउट एवं गाइड के राज्यस्तरीय कार्यक्रम में भारत स्काउट एवं गाइड के नेशनल चीफ कमिश्नर केके खंडेलवाल, निदेशक कृष्णा स्वामी, अतिरिक्त निदेशक राजकुमार कौशिक, राज्य संगठन आयुक्त विनोद बंसल, स्टेट ट्रेनिग कमिश्नर लक्ष्मी वर्मा, सचिव एसएस कौशल ने सम्मानित किया।

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राजेश वशिष्ठ स्काउटिग गतिविधियों से बच्चों में आत्मविश्वास और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके साथ ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता अभियान, रक्तदान शिविर, जल बचाओ और पेड़ लगाओ जैसे कार्य शामिल है। राजेश वशिष्ठ 35 बार रक्तदान भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनका मुख्य उदेश्य लोगों की सेवा करना और बच्चों को स्काउटिग गतिविधियों के द्वारा उनको खेल-खेल में अच्छी शिक्षा प्रदान करना, ताकि बच्चे आगे चलकर समाज के लिए एक अच्छा काम कर पाएं। उनके प्रयास से जिला जींद ने राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च अवार्ड गोल्डन एरो अवार्ड सबसे अधिक लेकर ख्याति हासिल की है। जींद के कब-बुलबुल बच्चों ने अपनी मेहनत और लग्न से पूरे भारत वर्ष में सबसे ज्यादा नेशनल गोल्डन एरो अवार्ड प्राप्त किये है। इस साल भी 64 गोल्डन एरो अवार्ड जींद जिले को मिले, जिसका सारा श्रेय राजेश वशिष्ठ को जाता है। वे अपनी स्काउटिग, शैक्षिक और सामाजिक गतिविधियों से स्कूलों को लाभान्वित करेंगे। आज स्कूलों में अनुशासनहीनता की समस्या आ रही है। इन गतिविधियों से बच्चों में अनुशासन कायम किया जा सकता है।


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