खरीदी गई पीआर धान सोमवार तक उठाएं: डीसी
पुरानी मंडी में मार्केट कमेटी प्रशासक के ऑफिस में डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने खरीद एजेंसी ट्रांसपोर्टर की मीटिग ली जिसमें आढ़तियों ने भी हिस्सा लिया।
संवाद सूत्र, उचाना: पुरानी मंडी में मार्केट कमेटी प्रशासक के ऑफिस में डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने खरीद एजेंसी, ट्रांसपोर्टर की मीटिग ली, जिसमें आढ़तियों ने भी हिस्सा लिया। मंडी की समस्याओं के बारे में आढ़तियों ने खरीद को लेकर किसी तरह की परेशान न होने की बात कही। डीसी ने कहा कि सोमवार तक अब तक खरीदी गई पीआर धान का उठान होना चाहिए। उठान की रफ्तार उचाना में काफी कम है इसलिए उठान में तेजी लाई जाए। जिन किसानों ने फसल का पंजीकरण करवाया है उन किसान की पीआर का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। किसी भी तरह की परेशानी किसान, आढ़ती को नहीं होने दी जाएगी। डीसी मंडी में पीआर धान की बोली पर गए और किसानों से बातचीत की। इस मौके पर एसडीओ डॉ. राजेश खोथ, डीएफएससी राजेश आर्य, मार्केट कमेटी सचिव सतबीर सिंह, ट्रांसपोर्टर जोरा सिंह, हैफेड मैनेजर संदीप पूनिया, मंडी प्रधान वीरेंद्र उचाना, मंडी प्रधान बलराज श्योकंद, ओमप्रकाश थुआ, ओमदत्त डाहौला, जितेंद्र श्योकंद, सुरेश सुरबरा, रामनिवास करसिधु, सतपाल करसिधु, रमेश उचाना खुर्द, पवन शमर, संदीप चौधरी मौजूद रहे। --बाहर से आई धान, बाजरा की होगी जांच
डीसी ने कहा कि बाहर से आने वाली पीआर धान, बाजरा को रोकने के लिए पुलिस की टीम बनाई जाएगी। पुलिस की टीम बाहर से आने वाली पीआर धान, बाजरा के वाहन को पकड़ेगी। पुलिस द्वारा पकड़े गए वाहन की जांच सीआईए पुलिस करेगी, जो यह पता करेगी कि फसल कहां से आई है। किस आढ़ती ने मंगवाई है। आढ़तियों द्वारा रखी गई उठान, पेमेंट की मांग पर उठान के साथ-साथ पेमेंट भी जल्द खातों में आएगी। धान 1509 के कम भाव से नुकसान, बाजरा के एमएसपी से राहत
इस बार बाजरा, पीआर धान की सरकारी खरीद से किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है। एमएसपी रेट किसानों को मिलने से किसानों को फायदा हो रहा है। किसान चंद्रभान, सुंदर सिंह, बलबीर ने कहा कि इस बार धान 1509 के भाव कम होने से किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। इस बार पीआर धान के 1888 रुपए प्रति क्विटल मिलने से किसानों को फायदा हुआ है। पीआर धान की फसल आते ही बिक रही है। बाजरा का भाव भी इस बार 2150 रुपए प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। मार्केट कमेटी सचिव सतबीर सिंह ने कहा कि किसानों को किसी तरह की परेशानी पीआर, धान बेचने में नहीं आ रही है।