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ई-पंचायत प्रणाली के विरोध में उतरे प्रदेशभर के सरपंच, प्रदर्शन कर फूंका सरकार का पुतला

जागरण संवाददाता, जींद : प्रदेश भर के सरपंच ई-पंचायत प्रणाली के विरोध में उतर आए हैं। रि

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 08:54 PM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 08:54 PM (IST)
ई-पंचायत प्रणाली के विरोध में उतरे प्रदेशभर के सरपंच, प्रदर्शन कर फूंका सरकार का पुतला
ई-पंचायत प्रणाली के विरोध में उतरे प्रदेशभर के सरपंच, प्रदर्शन कर फूंका सरकार का पुतला

जागरण संवाददाता, जींद : प्रदेश भर के सरपंच ई-पंचायत प्रणाली के विरोध में उतर आए हैं। रविवार को जाट धर्मशाला में एकत्रित हुए प्रदेशभर के सरपंचों ने कहा कि गांवों में कोई काम नहीं हो रहे हैं, जिससे वे ग्रामीणों को अपना मुंह भी दिखाने लायक नहीं रहे हैं। जींद सरपंच एसोसिएशन के प्रधान सुरेंद्र राणा की अध्यक्षता में हुई मी¨टग में प्रदेशभर से सरपंच एसोसिएशनों के जिला प्रधानों के अलावा ग्राम सचिव एसोसिएशन ने भी हिस्सा लिया।

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मी¨टग में पहुंचे सरपंचों ने सरकार के प्रति रोष जताते हुए कहा कि पहले अनपढ़ सरपंचों पर पढ़े-लिखे ग्राम सचिव होते थे। अब पढ़े-लिखे सरपंच तो बना दिए, लेकिन उन पर कंप्यूटर आपरेटर बैठा कर उन्हें भी अनपढ़ बना दिया है। सरपंचों को कंप्यूटर का ज्ञान नहीं है, इससे वे ई-पंचायत प्रणाली के खिलाफ हैं। वहीं रेवाड़ी जिले से आए कुछ सरपंचों ने कहा कि पिछली योजना के सरपंचों को तो करोड़ों रुपये की ग्रांट मिली थी, जिस वजह से गांवों में खूब विकास कार्य हुए और गांवों वालों ने उन्हें दोबारा सरपंच बना दिया। इस बार जो सरपंच बने हैं, उनको ग्रांट नहीं मिल रही हैं, तो वे कहां से काम कराएंगे। अगर काम नहीं कराए, तो गांव वाले उन्हें क्यों पूछेंगे। मी¨टग में ई-पंचायत प्रणाली का विरोध करते हुए पंचायती राज को पूर्व की शक्तियों के साथ लागू करने की मांग की गई। साथ ही सरपंचों व पंचों का मानदेय बढ़ाने व विधायकों की तर्ज पर पेंशन लागू करने की मांग की। मी¨टग में अलेवा ब्लॉक के प्रधान नरवीर नेहरा, रूपगढ़ गांव के सरपंच संदीप अहलावत के अलावा प्रदेशभर से काफी संख्या में सरपंच मौजूद रहे और मी¨टग के बाद प्रदर्शन करते हुए प्रदेश सरकार का पुतला फूंका। इस दौरान कुछ देर के लिए सड़क पर रास्ता रोक कर रोष जताया।

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ये हैं मुख्य मांगें

1. ई-पंचायत गांव विकास में बाधा है, इसे तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए।

2. पंचायती राज एक्ट को पूर्व शक्तियों के साथ लागू किया जाए।

3. ग्राम सचिवों का वाहन भत्ता 20 रुपये की जगह 50 रुपये किया जाए।

4. सरपंचों और पंचों का मानदेय बढ़ाकर टीए और डीए सरकारी कोष से दिया जाए।

5. ग्राम सचिवों के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक की जाए और उनका वेतनमान पटवारी के बराबर किया जाए।


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