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300 से ज्यादा कोरोना संदिग्धों को ट्रेस कर चुके पीपी सेंटर के स्वास्थ्य कर्मी

जिले में कोरोना वायरस की एंट्री हो चुकी हैं और यह वायरस एक से आगे न बढ़े इसके लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अपना पुरजोर प्रयास कर रहा है। कोरोना संदिग्ध से सबसे पहले जिसका सामना होता है वह नागरिक अस्पताल के पीपी सेंटर की टीम 300 से ज्यादा कोरोना संदिग्धों की जांच कर उन्हें नागरिक अस्पताल या क्वारंटाइन होम पहुंचा चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 09:06 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 09:06 AM (IST)
300 से ज्यादा कोरोना संदिग्धों को ट्रेस कर चुके पीपी सेंटर के स्वास्थ्य कर्मी
300 से ज्यादा कोरोना संदिग्धों को ट्रेस कर चुके पीपी सेंटर के स्वास्थ्य कर्मी

जागरण संवाददाता, जींद : जिले में कोरोना वायरस की एंट्री हो चुकी हैं और यह वायरस एक से आगे न बढ़े, इसके लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अपना पुरजोर प्रयास कर रहा है। कोरोना संदिग्ध से सबसे पहले जिसका सामना होता है, वह नागरिक अस्पताल के पीपी सेंटर की टीम 300 से ज्यादा कोरोना संदिग्धों की जांच कर उन्हें नागरिक अस्पताल या क्वारंटाइन होम पहुंचा चुकी है। जिले में कहीं से भी कोरोना संदिग्ध की सूचना मिलती है, चाह दिन हो या रात, स्वास्थ्य निरीक्षक राममेहर वर्मा की 31 कर्मचारियों की टीम मौके पर पहुंच उनकी जांच करती है। अगर कोरोना के लक्ष्ण दिखाई देते हैं तो उन्हें नागरिक अस्पताल पहुंचाने का काम यही टीम करती है। राममेहर वर्मा की इस टीम को अगर कोरोना वरियर करार दिया जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।

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लॉकडाउन के बाद से ही जो भी व्यक्ति जिले से बाहर से आया है तो स्वास्थ्य निरीक्षक राममेहर वर्मा की टीम उसे ट्रेस करती है। जिसके बाद उसका चेकअप कर उसकी काउंसिलिग की जाती है और उसे 14 दिनों तक घर में ही रहने के लिए कहा जाता है। साथ ही कोरोना के लक्षण और बचाव के तरीके बताए जाते हैं। पीपी सेंटर की इन टीमों को कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। कई बार विरोध का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य कर्मी अपना कर्तव्य समझते हुए धैर्य खोने की बजाय पुलिस की सहायता से समझा बुझाकर उनको क्वारंटाइन करने का काम करते हैं।

दो लाख की आबादी पर एक स्वास्थ्य निरीक्षक

नियमों के अनुसार 30 हजार की आबादी पर एक स्वास्थ्य निरीक्षक होना चाहिए लेकिन जींद में इस पद पर तैनात राममेहर वर्मा दो लाख की आबादी को अपनी टीम के साथ संभाल रहे हैं। कोरोना संदिग्ध की प्रारंभिक जांच से लेकर उनकी काउंसिलिग का कार्य इस टीम को करना पड़ता है।

घर पर जाने से पहले बरतते हैं पूरी सावधानी

स्वास्थ्य निरीक्षण राममेहर वर्मा ने बताया कि कोरोना से जंग लड़ते हुए उन्हें खुद को बचाने की भी बड़ी चुनौती होती है। ड्यूटी के बाद घर लौटने पर पूरी टीम को ही एंट्री से पहले पूरी सावधानी बरतनी पड़ती है। वह अपने पर्स, बेल्ट, डायरी, पेन समेत दूसरे सामान को गाड़ी में ही रखकर घर के अंदर जाते हैं। सबसे पहले कपड़े निकाल उन्हें गर्म पानी में डाला जाता है और डिटोल डाल गर्म पानी में स्नान करने के बाद ही परिवार के लोगों के पास जाते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी टीम की लग्न से काम करने से यह संभव हो पा रहा है।


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