कंटेनमेंट जोन पर ड्रोन से नजर रख रही पुलिस
जिले में नौ कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद घोषित किए गए कंटेनमेंट जोनों पर जिला प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए है। कंटनेमेंट जोन की तरफ जाने वाले रास्तों पर नाके लगाए गए है और वहां पर 24 घंटे पुलिस कर्मी तैनाता किया गया है।
जागरण संवाददाता, जींद : जिले में नौ कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद घोषित किए गए कंटेनमेंट जोनों पर जिला प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए है। कंटनेमेंट जोन की तरफ जाने वाले रास्तों पर नाके लगाए गए है और वहां पर 24 घंटे पुलिस कर्मी तैनाता किया गया है। लोगों को घरों के अंदर ही रहने का आह्वान किया जा रहा है। कंटनेमेंट जोन में आदेशों की अवहेलना न हो इसके लिए ड्रोन से नजर रखी जा रही है। ड्रोन के माध्यम से उन एरिया के फोटो व वीडियो बनाए जा रहे हैं जहां पर लोग घरों से बाहर गली में घूमते हैं या खड़े होते हैं। फोटो व वीडियो मिलते ही पुलिस की पीसीआर या राइडर उन एरिया में दस्तक दे रहे हैं और उन लोगों को घरों के अंदर रहने व भविष्य में ऐसा करने पर कार्रवाई के लिए कहा जा रहा है। कंटनेमेंट व बफर जोन में फल व सब्जी विक्रेताओं को भी नहीं जाने दिया जा रहा है। इस एरिया के लोगों को बिना अनुमति के बाहर भी नहीं जाने दे रहे और आवश्यक वस्तु उपलब्ध हो सके इसके लिए अनुमति दी जा रही है।
घरों के दरवाजे पर दस्तक दे रहे स्वास्थ्य कर्मी
कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कंटेनमेंट जोन में सर्वे करने के लिए टीमों का गठन किया गया है। निडानी गांव में सर्वे के दौरान चार हेल्थ वर्कर के पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सबक लिया और सर्वे करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीटी किट उपलब्ध करवाई गई है। बुधवार को घोषित किए गए नौ कंटेनमेंट एरिया में स्वास्थ्य कर्मियों ने हर घर के दरवाजे पर दस्तक दी। जहां पर स्वास्थ्य कर्मियों ने हर घर के अंदर मौजूद सदस्यों की जानकारी ली। इस दौरान पता किया गया कि किसी सदस्य को खांसी, जुकाम व बुखार तो नहीं है। इस दौरान प्रत्येक सदस्य का थर्मल स्कैनर से तापमान की जांच की और हर व्यक्ति का रिकार्ड तैयार किया। अगर कोई व्यक्ति बुखार से पीड़ित है तो उसका रिकॉर्ड तैयार किया, ताकि उसका सैंपल किया जा सके।
डोर-टू-डोर अभियान में आशा वर्कर को आए चक्कर
डिफेंस कॉलोनी में स्वास्थ्य कर्मियों की टीम सुबह ही डोर-टू-डोर अभियान चलाए हुए थे। टीम में शामिल आशा वर्कर भी पीपीटी किट पहनकर चल रही थी। तेज धूप होने के साथ तापमान बढ़ने से पीपीटी किट पहनी आशा वर्कर को चक्कर आने लगे। चक्कर आता देखकर उसे साथ चल रहे दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों ने उसको संभाला। इसके बाद उनको एंबुलेंस के माध्यम से नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। चिकित्सकों के अनुसार पीपीटी किट में हवा क्रास नहीं हो पाती। तेज धूप में गर्मी बढ़ जाती है। इसके चलते ही चक्कर आए हैं।