गवाही न देने की एवज में पैसे लेने के मामले में पुलिस पर एएसआइ को बचाने का आरोप
जागरण संवाददाता, जींद : नरवाना की मोरपती में झगड़े के मामले में कोर्ट में गवाही गिरने की एवज में एक लाख रुपये लेते हुए पकड़ी गई महिला शीला के मामले में नया मोड़ आया है। महिला को पैसों के साथ रंगे हाथों काबू करवाने वाले व्यक्ति ने अब एक एएसआई व महिला के पति व देवर को पुलिस द्वारा बचाने का आरोप लगाया है। शनिवार को शिकायकर्ता जिला मुख्यालय पहुंचा और एसएसपी कार्यालय में शिकायत देकर एएसआई, महिला के पति व देवर को गिरफ्तार करने की मांग की है। मोरपती नरवाना निवासी बीरभान ने एसएसपी कार्यालय में दी शिकायत में बताया कि मकान के विवाद को लेकर नरवाना निवासी शीला देवी ने उसके खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करवाया था और मामला अदालत में
जागरण संवाददाता, जींद : नरवाना की मोरपती में झगड़े के मामले में कोर्ट में गवाही गिरने की एवज में एक लाख रुपये लेते हुए पकड़ी गई महिला शीला के मामले में नया मोड़ आया है। महिला को पैसों के साथ रंगे हाथों काबू करवाने वाले व्यक्ति ने अब एक एएसआई व महिला के पति व देवर को पुलिस द्वारा बचाने का आरोप लगाया है। शनिवार को शिकायकर्ता जिला मुख्यालय पहुंचा और एसएसपी कार्यालय में शिकायत देकर एएसआई, महिला के पति व देवर को गिरफ्तार करने की मांग की है।
मोरपती नरवाना निवासी बीरभान ने एसएसपी कार्यालय में दी शिकायत में बताया कि मकान के विवाद को लेकर नरवाना निवासी शीला देवी ने उसके खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करवाया था और मामला अदालत में विचाराधीन था। 26 दिसंबर को कोर्ट में मामले में गवाही डालने की एवज में एक लाख रुपये लेते हुए नरवाना निवासी शीला देवी को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उसने महिला की रिकार्डिंग करके एसएसपी कार्यालय में शिकायत दी थी। इस रिकार्डिंग में महिला समझौते के नाम पर लिए गए एक लाख रुपये में झगड़े के मामले के जांच अधिकारी एएसआई राजकुमार सहित तीन दूसरे लोगों के हिस्से की बात कह रही है। एसएसपी द्वारा गठित टीम द्वारा आरोपित महिला को पैसे के साथ पकड़े जाने के बाद उसके द्वारा दी गई शिकायत में फिलहाल सदर थाना नरवाना में तैनात एएसआई राजकुमार, महिला के पति रामबीर, देवर महताब ¨सह का नाम दिया था। इस मामले में पुलिस ने साजिश रचने व आरोपित का सहयोग करने की धारा तो लगा दी, लेकिन पुलिस ने बिना जांच किए ही एएसआई राजकुमार, रामबीर, महताब का नाम एफआइआर से निकाल दिया। इसलिए इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए।