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अस्पताल के पुराने भवन में 100 बिस्तरों पर मिलेगी ऑक्सीजन सप्लाई

जींद में कोरोना संक्रमण ने दोबारा रफ्तार पकड़ ली है। कोरोना के सक्रिय केसों का आंकड़ा 1500 को पार कर गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 07:27 AM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 07:27 AM (IST)
अस्पताल के पुराने भवन में 100 बिस्तरों पर मिलेगी ऑक्सीजन सप्लाई

जागरण संवाददाता, जींद: जिले में कोरोना संक्रमण ने दोबारा रफ्तार पकड़ ली है। कोरोना के सक्रिय केसों का आंकड़ा 1500 को पार कर गया है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने नागरिक अस्पताल के पुराने भवन के सभी बेडों पर ऑक्सीजन सप्लाई को दुरुस्त करने का फैसला लिया है। अब पुराने भवन में इमरजेंसी, लैब और वार्डों में ऑक्सीजन की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए ठेकेदार को अगले 15 दिन में काम पूरा करने के निर्देश दिया है।

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नागरिक अस्पताल के नए भवन में हर बिस्तर पर ऑक्सीजन सप्लाई है। इसके लिए स्पेशल लाइन बिछाई गई है। नए भवन के साथ ऑक्सीजन का बड़ा टैंक है, उसमें से सीधे सप्लाई होती है। लेकिन पुराने भवन में ऑक्सीजन के सिलेंडरों के सहारे काम चल रहा था। इन सिलेंडरों की संख्या काफी कम है। कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत पड़ रही है। ऐसे में प्रशासन ने बीएंडआर के जरिए 67 लाख का टेंडर अलॉट कर दिया है। नागरिक अस्पताल के सीएमओ डा. मंजीत सिंह ने बताया कि इमरजेंसी में हर बिस्तर पर ऑक्सीजन की सप्लाई लाइन होने से मरीजों को काफी सुविधा मिलेगी। कोरोना के मरीजों को पुराने भवन के वार्ड में रखा जा रहा है। ज्यादातर मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत है। गर्मी बढ़ने के साथ जिस तरह कोरोना दोबारा तेज गति से बढ़ रहा है, उससे अगले में हालात विकट हो सकते हैं। इसलिए हर बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा होगी तो मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

15 दिन में पूरा होगा काम

बीएंडआर के एसडीओ परमेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई की फिटिग के लिए सामान पहुंच चुका है। मंगलवार से काम शुरू हो जाएगा। ठेकेदार को 15 दिन में काम पूरा करना होगा। एक साल तक पाइप लाइन की मेंटेनेंस फ्री रहेगी।

इतनी देर से क्यों जागा विभाग

अन्ना टीम के सुनील वशिष्ठ ने कहा कि सालभर पहले कोरोना आया था। तब से लेकर अब तक स्वास्थ्य विभाग इतनी गहरी नींद में क्यों सोया हुआ था। अब मरीजों से वार्ड फुल हैं। हर मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत है। सर्दियों में जब कोरोना के केस कम थे, तब विभाग को यह काम करवाना था।


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