अस्पताल में छह डॉक्टरों के सहारे चल रही ओपीडी, तीन डॉक्टर गए लंबी छुट्टी पर
नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। घंटों लाइन में लगने के बाद भी मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है। इसलिए मरीजों को निजी अस्पतालों में उपचार करवाना पड़ रहा है। पहले ही जहां अस्पताल में डॉक्टरों की कमी थी लेकिन तीन डॉक्टर लंबी छुट्टी पर चले गए हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। घंटों लाइन में लगने के बाद भी मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है। इसलिए मरीजों को निजी अस्पतालों में उपचार करवाना पड़ रहा है। पहले ही जहां अस्पताल में डॉक्टरों की कमी थी, लेकिन तीन डॉक्टर लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। सप्ताह में दो दिन मरीजों को देखने आने वाले जुलाना के एसएमओ डॉ. नरेश वर्मा लंबी छुट्टी पर चले गए हैं और उन्होंने अपने किसी रिश्तेदार का इलाज कराने के लिए विदेश जाने की अनुमति मांगी है, जबकि नागरिक अस्पताल के एकमात्र सर्जन डॉ. चंद्रमोहन पिछले सप्ताह ही ट्रेनिग पर चले गए। इसके कारण सर्जन के पास चेकअप करवाने के लिए आने वाले मरीज सोमवार को भटकते हुए नजर आए। इसके अलावा एमएस डॉ. गोपाल गोयल भी करीब 15 दिनों की छुट्टी पर चले गए। इसके कारण नागरिक अस्पताल में कार्यरत करीब 16 में से केवल 13 डॉक्टर ही रहे गए हैं, लेकिन इनमें से भी आठ डॉक्टर ही प्रतिदिन ओपीडी करते है, जबकि कई डॉक्टरों की ड्यूटी स्वास्थ्य विभाग के दूसरे अभियानों में लगाई हुई है। हालांकि मुख्यालय के आदेशानुसार प्रत्येक डॉक्टर को सप्ताह में ओपीडी करना अनिवार्य है, लेकिन अस्पताल में कार्यरत कई डॉक्टर तो ऐसे हैं जिन्होंने वर्षों से कोई ओपीडी नहीं की। इसके कारण अस्पताल की व्यवस्था नहीं बन पा रही। पीएमओ डॉ. मनीषा अग्रवाल अस्पताल में कार्यरत सभी डॉक्टरों की जानकारी ली है और उनको क्या-क्या कार्य दिया गया है इसकी डिटेल को ले रही हैं।
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55 पदों में से 16 डॉक्टर तैनात
नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों के 55 पद मंजूर हैं, जिनमें से अब 16 ही रह गए हैं। इसमें भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। नागरिक अस्पताल में फिजिशियन नहीं होने के कारण जुलाना के एसएमओ सप्ताह में दो दिन ओपीडी नागरिक अस्पताल में करते हैं। इसी तरह आई सर्जन नहीं होने के कारण नरवाना के नागरिक अस्पताल में कार्यरत एसएमओ सप्ताह में दो दिन ओपीडी के लिए आते हैं। जबकि ईएनटी सर्जन का पद खाली पड़ा है, लेकिन पिछले दिनों झज्जर से डॉक्टर को डेपुटेशन पर भेजा था। जबकि एक सर्जन व एक हड्डी रोग विशेषज्ञ होने के कारण इन डॉक्टरों पर कार्य का भार बहुत ज्यादा है।
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लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिला उपचार
अस्पताल में पहुंचे मरीज राजेश्वर, शमशेर, कुलदीप ने बताया कि सुबह आठ बजे ही ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए लाइन में लग गए थे। करीब दो घंटे के बाद ओपीडी पर्ची बनी और जब सर्जन को दिखाने के लिए गए तो पता चला कि वह तो छुट्टी पर हैं। जबकि दूसरे डॉक्टरों के आगे लगी लंबी लाइन के बाद चेकअप करवाया, लेकिन उन्होंने भी इलाज की बजाए सर्जन को दिखाने की सिफारिश कर दी। सर्जन के छुट्टी पर होने के कारण अब निजी अस्पताल में ही इलाज करवाना होगा।