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अन्ना हजारे के दिए मंत्र पर जींद की आवाज बनी अन्ना टीम

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर देशभर में चर्चित हुए अन्ना हजारे वर्ष 2013 में जींद आए थे। तब शहर के तीन नौजवानों ने अन्ना से कहा था कि हम आपकी तरह देशसेवा करना चाहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 07:15 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 07:15 AM (IST)
अन्ना हजारे के दिए मंत्र पर जींद की आवाज बनी अन्ना टीम

कर्मपाल गिल, जींद

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भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर देशभर में चर्चित हुए अन्ना हजारे वर्ष 2013 में जींद आए थे। तब शहर के तीन नौजवानों ने अन्ना से कहा था कि हम आपकी तरह देशसेवा करना चाहते हैं। हम फौजी नहीं हैं। आप हमें कुछ मंत्र दीजिए। तब अन्ना ने कहा कि मैं अपने गांव रालेगणसिद्धि को सुधारकर देश सुधारने निकला हूं। आप भी जहां रहते हो, पहले उसे सुधारो। लोगों की समस्याओं को उठाओ। शासन-प्रशासन से उनका समाधान कराओ। अपने शहर को सुधारकर फिर प्रदेश-देश की आवाज बनो। अन्ना का यह मंत्र सुनकर तीनों नौजवानों हितेश हिदुस्तानी, सुनील वशिष्ठ और विनय अरोड़ा ने जींद में अन्ना टीम का गठन किया। तब से यह टीम शहर की समस्याओं की आवाज बनी हुई है। अन्ना टीम ने कई मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर उन्हें अंजाम तक भी पहुंचाया। सुनील वशिष्ठ कहते हैं कि अन्ना टीम ने शुरुआत बाजार में सार्वजनिक शौचालय बनवाने से की। फिर बाजारों से अतिक्रमण हटाने का केस हाइकोर्ट में डालकर अन्ना टीम चर्चा में आई। अतिक्रमण हटाने की मुहिम में सफलता मिलने के बाद लोगों का जबर्दस्त समर्थन मिलने लगा और अब जींद शहर की जनता की आवाज बन गई। अब 50 युवाओं की टोली निस्वार्थ भाव से शहर के मुद्दों को उठा रही है।

टीम ने सात साल में खर्च किए 15 लाख रुपये

फोटो: 17

अन्ना टीम के सदस्य सुनील वशिष्ठ कहते हैं कि सात साल में अन्ना टीम के 50 सदस्य अपना महत्वपूर्ण समय और करीब 15 लाख रुपये भी खर्च कर चुके हैं। ढाई लाख रुपये का चेक देकर डीसी विनय सिंह से बीड़ में नंदीशाला की नींव रखवाई थी। ट्री गार्ड समेत 500 पौधे लगवा चुके हैं, जो पेड़ बनने की ओर अग्रसर हैं। तांगा चौक पर 2014 में नगरपरिषद से सार्वजनिक शौचालय बनवाया। इसकी मेंटेनेंस पर अभी तक खुद अन्ना टीम खर्च कर रही है। पालिका बाजार में दुकानदारों के सहयोग से 2012 में सार्वजनिक शौचालय बनवाया। लॉकडाउन में भोजन वितरण की अगुआई करवाई।

इन कार्यों को सिरे चढ़वाया

अन्ना टीम ने सबसे पहले शहर के बाजारों में अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाई और हाईकोर्ट तक केस लड़ा। मेन बाजार में सड़क सात फुट चौड़ी करवाई। इसके अलावा तांगा चौक, पालिका बाजार, पंजाबी बाजार, गांधी गली, स्कीम नंबर 5-6, हनुमान गली में अतिक्रमण हटवाया। मिनी बाईपास पर रेलवे अंडरब्रिज की आवाज उठाई और उसे अंजाम तक पहुंचाया। चंडीगढ़ में बीएंडआर के इंजीनियर-इन-चीफ से लेकर दिल्ली में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। वर्ष 2017 में बेसहारा पशुओं को सड़कों से हटाने को लेकर स्थानीय व हाई कोर्ट में केस डाला। इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष के नेताओं से भी मुलाकात की। सभी सदस्यों ने 2.51 लाख रुपये एकत्रित करके डीसी विनय सिंह को सौंपा। स्कीम नंबर 6 में खस्ताहाल हो चुकी लाइब्रेरी का मुद्दा उठाया। इसके बाद डीसी अमित खत्री ने डी-प्लान से लाइब्रेरी को पुनर्निर्माण करवाया। रानी तालाब दस साल से खाली पड़ा था। इसका मुद्दा उठाकर पानी भरवाया और हर सप्ताह अन्ना टीम रानी तालाब परिसर की सफाई करती है। परशुराम चौक के आसपास अतिक्रमण हटवाने में अहम भूमिका निभाई। यहां से पेड़ शिफ्ट करवाए और चौक को सुंदर रूप दिलवाया।

अब इन मुद्दों को आवाज बनी अन्ना टीम

अन्ना टीम के सदस्य सुनील वशिष्ठ कहते हैं कि शहर में खस्ताहाल सीवरेज व्यवस्था, पेयजल सप्लाई में गंदा पानी का मुद्दा उठा रहे हैं। सफीदों रोड से डिवाइडर हटवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बाईपास पर पिडारा पुल के पास ब्लैक स्पॉट खत्म करने के लिए धरना देने समेत एनएचएआई के अफसरों, डीसी व डिप्टी सीएम को पत्र सौंप चुके हैं। नरवाना रोड से हांसी रोड तक रिग रोड के लिए नितिन गडकरी व सीएम को मांग पत्र सौंप चुके हैं। मिनी बाईपास को नए सिरे से बनाने व रोहतक को फोरलेन करने के लिए ह्यूमन चेन बनाकर अनोखा प्रदर्शन किया।


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