शहर के चौहराहों पर सीसीटीवी कैमरे खराब, सुरक्षा रामभरोसे
शहर के लोगों की सुरक्षा अब रामभरोसे है। शहर की सुरक्षा के लिए लगाए गए लगभग सभी सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हुए हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : शहर के लोगों की सुरक्षा अब रामभरोसे है। शहर की सुरक्षा के लिए लगाए गए लगभग सभी सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हुए हैं। इससे कोई भी आपराधिक तत्व घटना को अंजाम देकर आसानी से फरार हो सकता है। प्रशासन ने करीब पांच साल पहले शहर की करीब 12 जगह पर करीब 30 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। अब 30 में से करीब 25 कैमरे बंद पड़े हैं। शहर में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ये कैमरे लगाए गए थे, लेकिन रखरखाव के अभाव में कैमरे खराब हो चुके हैं। जिला प्रशासन खराब कैमरों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अधिकतर चौकों से सीसीटीवी कैमरे और उनकी डीवीआर तक गायब हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस उनकी सुध नहीं ले रही है। पुलिस प्रशासन व्यापारी और होटल संचालकों को सीसीटीवी कैमरे लगाने के बारे में जागरूक कर रहे हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन खुद के लगाए हुए सीसीटीवी कैमरों को संभाल नहीं पा रहा है। सीसीटीवी कैमरे खराब होने के कारण अपराधिक किस्म के लोग वारदात को अंजाम देकर निकल जाते हैं और बाद में पुलिस खुद के लगाए कैमरों के बजाय दुकानों के बाहर लगे कैमरों की फुटेज को देखना पड़ता है।
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देवीलाल चौक
रोहतक, भिवानी और हांसी रोड को जोड़ने वाले देवीलाल चौक पर लोगों की सबसे ज्यादा आवाजाही रहती हैं। करीब पांच साल पहले देवीलाल चौक पर खंभे के पास सीसीटीवी कैमरा लगाया था और डीवीआर को पास के पेट्रोल पंप लगाया गया, लेकिन अब वहां पर न तो कैमरा है और न ही डीवीआर लगी हुई है। शहर में कोई भी बड़ी वारदात होने पर देवीलाल चौक से होकर निकलने की संभावना ज्यादा होती है।
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सफीदों गेट
सफीदों गेट शहर के व्यस्त चौकों में शामिल है। यहां पर प्रशासन ने तीन सीसीटीवी कैमरे तो लगाए गए हैं, लेकिन डीवीआर से जोड़ने वाली तार दो साल से टूटी पड़ी है। डीएवी को जोड़ने वाले तारों को सड़क की दूसरी साइड में पेड़ से लपेटा हुआ है और कैमरे बना चले ही जर्जर हो रहे हैं।
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रानी तालाब
शहर के गोहाना रोड, देवीलाल चौक, बाजार व एसडी स्कूल की तरफ जाने वाले रास्ते को जोड़ने वाले रानी तालाब चौक पर सीसीटीवी कैमरा तो लगा हुआ है, लेकिन यह भी चालू हालात में नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ माह पहले यह कैमरा चलता था, लेकिन उसका फोकस मुख्य मार्ग के बजाय आंबेडकर की प्रतिमा की तरफ किया हुआ था, लेकिन अब तो वह भी बंद हो गया है।
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रात में न के बराबर होती रिकार्डिग
शहर के मुख्य नाकों पर सीसीटीवी कैमरे चलते हैं, लेकिन उनकी क्वालिटी सही न होने के कारण रात में न के बराबर ही रिकार्डिग होती है। लगाए गए कैमरों की रेंज मात्र 20 फीट की है। इससे ज्यादा दूरी के चित्र साफ दिखाई नहीं देते। अगर कैमरे उच्च क्वालिटी के हों तो आपराधिक तत्वों को आसानी से पहचाना जा सकता है।
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हादसा के बाद कैमरे के फुटेज तलाशते हैं लोग
दुकानदार जगत सिंह ने बताया कि देवीलाल चौक ज्यादा व्यस्त रहता है, अक्सर यहां पर हादसे होते रहते हैं। चौक पर सीसीटीवी कैमरों की सख्त जरूरत है, लेकिन यहां पर एक भी कैमरा नहीं लगा हुआ। पिछले दिनों यहां पर बाइक सवार को गाड़ी सवार टक्कर मारकर फरार हो गया था। जब उसने टक्कर मारने वाले गाड़ी चालक का पता करने का प्रयास किया तो वहां पर कैमरा ही नहीं था। दो साल से नहीं ली सुध
दुकानदार संदीप ने बताया कि सफीदों गेट पर करीब दो साल पहले ट्रांसफार्मर लगाते समय सीसीटीवी कैमरों के तार टूट गए थे। उसके बाद कैमरों के टूटे हुए तारों को दोबारा जोड़ने के बजाय पेड़ से लपेट दिया। उसके बाद से कैमरे बंद पड़े हैं। अगर यहां पर कैमरे चले तो दुकानदारों के साथ पुलिस को भी अपराधिक मामले सुलझाने में सहायक हो सकते हैं। प्रशासन को जल्द से जल्द इनको ठीक करवाना चाहिए।