पिता का सपना पूरा करने के लिए दबाई इच्छाएं, नेशनल खिलाड़ी बनी नीरू जाखड़
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुलाना में मेडिकल अधिकारी के पद पर कार्यरत डा. नीरू जाखड़ युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई हैं।
संवाद सूत्र, जुलाना : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जुलाना में मेडिकल अधिकारी के पद पर कार्यरत डा. नीरू जाखड़ युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई हैं। झज्जर जिले के गांव लडरायण गांव निवासी डा. नीरू जाखड़ के पिता शक्ति सिंह गांव में खाद व बीज की दुकान चलाते हैं। माता एक गृहणी हैं। दुकानदार का सपना था कि उनके परिवार में कोई डाक्टर बनकर देश की सेवा करे। नीरू ने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और खेलों से दूर हटकर डाक्टरी लाइन को चुना। नीरू सरकारी स्कूल में पढ़ कर आज इस मुकाम तक पहुंची हैं। नीरू जाखड़ ने 2010 में 3 हजार मीटर रेस में प्रथम स्थान हासिल करते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था। डा. नीरू चाहती थी कि वो खेल के माध्यम से देश का नाम रोशन करे लेकिन उनके पिता का सपना था कि उनकी बेटी डॉक्टर बनकर देश की सेवा करे। पिता के सपने के आगे नेशनल खिलाड़ी ने अपनी इच्छाएं दबाई और डाक्टर बनीं।
कोरोना महामारी में भी कर रही हैं मरीजों का इलाज
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल अफसर के पद पर कार्यरत डा. नीरू कोरोना महामारी के चलते भी ओपीडी में मरीजों का इलाज कर रही हैं। डा नीरू ने कहा कि आज के युग में बेटियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नही हैं। बशर्ते उनकी परवरिश बेटों की तरह की जाए। बेटियां भी अपने माता पिता का नाम रोशन कर सकती हैं।