निकाय चुनाव की आज हो सकती घोषणा, जींद व नरवाना नप, सफीदों व उचाना नपा में होंगे चुनाव
शहरी निकाय चुनाव को लेकर सोमवार को हरियाणा चुनाव आयोग की तरफ घोषणा की जा सकती है। जून में चुनाव होने की संभावना है।
जागरण संवाददाता, जींद : शहरी निकाय चुनाव को लेकर सोमवार को हरियाणा चुनाव आयोग की तरफ घोषणा की जा सकती है। जून में चुनाव होने की संभावना है। जींद जिले में जींद व नरवाना नगर परिषद, उचाना और सफीदों नगरपालिकाओं का चुनाव होना है। चारों जगह चुनाव से संबंधित सभी तैयारियां पूरी हैं। वोटर लिस्ट फाइनल हो चुकी हैं। बूथ बनाए जा चुके हैं और ईवीएम भी आ चुकी हैं। जींद व नरवाना नगर परिषद और सफीदों नगरपालिका का अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित है। वहीं उचाना नगर पालिका अध्यक्ष का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। चुनावों के लिए ईवीएम (इलेक्ट्रोनिक वोटिग मशीन) पहुंच चुकी हैं। जींद नगर परिषद के चुनाव के लिए 320 ईवीएम भेजी गई हैं। जिन्हें ट्रेजरी में रखा गया है। जींद नगर परिषद के चुनाव के लिए शहर में कुल 125 बूथ बनाए गए हैं। जहां कुल 1,20,205 मतदाता वोट डालेंगे। जिनमें 63306 पुरुष, 56896 पुरुष मतदाता हैं और तीन अन्य हैं। प्रधान पद के दावेदारों ने 17 मई को कोर्ट का फैसला आने के बाद ही तैयारियां शुरू कर दी थी। वहीं भावी पार्षद भी तैयारियों में जुटे हैं। कई निवर्तमान पार्षद दोबारा चुनाव मैदान में उतरेंगे। जिनमें से कुछ निवर्तमान पार्षद अपने परिवार की महिला सदस्यों को प्रधान पद का चुनाव लड़ाने की तैयारी में है।
पार्टियां सिबल पर लड़ेंगी चुनाव
इस बार नगर परिषद प्रधान पद का चुनाव सीधा होना है। सभी राजनीतिक दल सिबल पर चुनाव लड़ेंगे। भाजपा, कांग्रेस, जजपा, आप से चुनाव लड़ने के लिए टिकट के दावेदारों की लिस्ट लंबी है। भाजपा से पूर्व नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी, डा. अनुराधा सैनी, डा. रीतू गौतम, कुसुम आसरी, मीना शर्मा टिकट के दावेदार हैं। कांग्रेस से पुष्पा गोयल, डोली लखीना टिकट का दावा जता रही हैं। आम आदमी पार्टी से डा. रजनीश जैन दावा जता रही हैं। वहीं जजपा से नीतू जिदल, रजनीश अरोड़ा दावा जता रही हैं। अमरजीत कौर, संतोष देवी, पूर्व प्रधान सुदेश देवी निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
विकास कार्य होंगे प्रभावित
चुनाव की घोषणा होने के बाद सोमवार को ही आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में शहर में नए विकास कार्य भी शुरू नहीं हो पाएंगे। जींद नगर परिषद को करीब छह करोड़ रुपये से 46 काम कराने हैं। जिसकी टेंडर प्रक्रिया चल रही है। आचार संहिता लगने पर इन कामों के टेंडर नहीं खुल पाएंगे और ना ही वर्क अलाट हो सकेगा। ऐसे में चुनाव के बाद ही ये विकास कार्य हो पाएंगे।