मोदी फैन क्लब ने शुरू की पहल, अब 200 लोगों की टीम जरूरतमंदों तक पहुंचा रही खाना
लॉकडाउन शुरू हुआ तो शहर में जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने की पहल करने वाला मोदी फैन क्लब था। जिसकी राह पर चलते हुए शहर की दूसरी सामाजिक संस्थाएं इस अभियान से जुड़ती चली गई। अब विभिन्न संस्थाओं के 200 से ज्यादा लोगों की टीम पूरे शहर में गली-गली जाकर जरूरतमंदों तक पका हुआ भोजन और सूखा राशन पहुंचा रहे हैं। मोदी फैन क्लब के प्रधान मनीष अरोड़ा महासचिव सौरभ अनेजा कैशियर बिनी आकाश छाबड़ा दीपक कटारिया विशाल ललन राजू अरोड़ा दीपक कटारिया गोल्डी हैप्पी गौरव मनीष शिवम अमित दमन समेत 40 सक्रिय सदस्य इस अभियान से जुड़े हुए हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : लॉकडाउन शुरू हुआ, तो शहर में जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने की पहल करने वाला मोदी फैन क्लब था। जिसकी राह पर चलते हुए शहर की दूसरी सामाजिक संस्थाएं इस अभियान से जुड़ती चली गई। अब विभिन्न संस्थाओं के 200 से ज्यादा लोगों की टीम पूरे शहर में गली-गली जाकर जरूरतमंदों तक पका हुआ भोजन और सूखा राशन पहुंचा रहे हैं। मोदी फैन क्लब के प्रधान मनीष अरोड़ा, महासचिव सौरभ अनेजा, कैशियर बिनी, आकाश छाबड़ा, दीपक कटारिया, विशाल ललन, राजू अरोड़ा, दीपक कटारिया, गोल्डी, हैप्पी, गौरव, मनीष, शिवम, अमित, दमन समेत 40 सक्रिय सदस्य इस अभियान से जुड़े हुए हैं। प्रधान मनीष अरोड़ा ने बताया कि लॉकडाउन के पहले दिन मोदी फैन क्लब ने शहर में करीब 1500 खाने के पैकेट जरूरतमंदों को वितरित किए। जिसकी सूचना प्रशासन तक पहुंची, तो एसडीएम सत्यवान मान ने उन्हें बुलाया। जहां अन्ना टीम, गुरुद्वारा, हलवाई एसोसिएशन व शहर की अन्य सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की मीटिग हुई। मीटिग में फैसला लिया गया कि जब तक लॉकडाउन जारी रहता है। इसी तरह जरूरतमंदों को खाना और राशन वितरण की व्यवस्था की जाएगी। जिसके लिए कुल 190 लोगों की टीमें बना कर सभी 31 वार्डों में वार्ड वाइज खाना वितरण के लिए ड्यूटियां निर्धारित की गई। बाद में और भी लोग जुड़ते रहे। अब तीन हजार से ज्यादा लोगों को पका हुआ खाना और सूखा राशन प्रशासन व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से वितरित किया जा रहा है।
रात 10 बजे भी लेकर जाते खाना
प्रशासन द्वारा बनाए कंट्रोल रूम में सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मोबाइल नंबर हैं। रात 10 बजे भी कंट्रोल रूम से फोन आता है, तो संबंधित एरिया की टीम तुरंत पका हुआ खाना या सूखा राशन लेकर तुरंत वहां पहुंच जाती है। राशन व खाना वितरण का कार्य सुबह 10 बजे शुरू होता है और शाम को घर वापस जाने का कोई निर्धारित समय नहीं है। मनीष अरोड़ा ने कहा कि कोई भी भूखा ना रहे, इसके लिए रात 12 बजे भी जाने को तैयार हैं।