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समाज को सच्चाई के पथ पर लेकर जाते है संत : प्रेमलता

भाजपा विधायक प्रेमलता ने कहा कि समाज को सच्चाई के पथ पर संत ही लेकर जाते हैं। वे भटके हुए इंसान का रास्ता दिखाने का काम संत करते हैं। बड़ौदा गांव से 50 से ज्यादा जैन संत और साध्वी बने हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 10:47 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 06:35 AM (IST)
समाज को सच्चाई के पथ पर लेकर जाते है संत : प्रेमलता

संवाद सूत्र, उचाना : भाजपा विधायक प्रेमलता ने कहा कि समाज को सच्चाई के पथ पर संत ही लेकर जाते हैं। वे भटके हुए इंसान का रास्ता दिखाने का काम संत करते हैं। बड़ौदा गांव से 50 से ज्यादा जैन संत और साध्वी बने हैं। पूरे देश में यह ऐसा गांव है, जहां इतने जैन संत और साध्वी बने हैं। यहां के मनि मायाराम ने पूरे देश में बड़ौदा को पहचान दिलाने का काम किया है। जैन संतों का गांव होने से यहां पर श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है। यहां के लोगों की वर्षो पुरानी रेलवे स्टेशन की मांग भी हमारी सरकार ने पूरी करने का काम किया। इससे दूर-दराज से ट्रेन से आने वाले यात्रियों को फायदा मिलेगा। वे एसएस जैन सभा बड़ौदा में आयोजित तप सम्राट हरिमुनि के श्रद्धाजंलि सभा में बोल रही थीं।

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तप सम्राट हरिमुनि पर लिखी गई पुस्तक का विमोचन भी विधायक ने किया। प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु बड़ौदा पहुंचे। विधायक ने कहा कि बैंक में खाता नहीं, सिर पर छाता नहीं, पांव में चप्पल नहीं ऐसे होते है जैन संत। संत, पानी कभी एक जगह नहीं ठहरते हैं। पानी बहता रहता अच्छा होता है संत हमेशा चलते रहते हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को सच्चाई के पथ पर चलने के लिए प्रेरित कर सकें। बड़ौदा गांव के तप सम्राट हरिमुनि ने अपने जीवन काल के दौरान देश के कोने-कोने में जाकर धर्म की अलख जगाई। 1995 में दीक्षा ग्रहण करने के बाद वो निरंतर लोगों को धर्म का ज्ञान देते रहे ताकि हर व्यक्ति जीवन में अच्छे कर्म करें, बुरे कर्म करने से बचे।

जैनाचार्य सुभद्र मुनि महाराज ने कहा कि दीक्षा लेने के बाद से ही हरिमुनि तप करने लगे थे। ऐसे में उनको तप सम्राट की उपाधि मिली थी। हमें जो जीवन मिला है वो हमें दूसरों की भलाई में लगाना चाहिए। मौत एक अटल सत्य है जिसका सबको पता है। बड़ौदा गांव ऐसा गांव है पूरे देश में जहां 50 से ज्यादा जैन साधु, साध्वी बने है। आज जब भी जैन समाज की बात चलती है तो उसमें बड़ौदा का जिक्र अवश्य आता है। यहां से बड़े-बड़े जैन संत हुए हैं।


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