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3.90 लाख एलईडी बल्ब बेचकर कंपनी लापता

बिजेंद्र मलिक, जींद बिजली निगम कार्यालयों में दो साल पहले बिजली बचत और तीन साल की गारंटी देकर कंपनी बल्ब बेचकर फरार हो गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 11:59 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 11:59 PM (IST)
3.90 लाख एलईडी बल्ब बेचकर कंपनी लापता
3.90 लाख एलईडी बल्ब बेचकर कंपनी लापता

बिजेंद्र मलिक, जींद

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बिजली निगम कार्यालयों में दो साल पहले बिजली बचत और तीन साल की गारंटी देकर बेचे गए एलईडी बल्ब खराब हो चुके हैं। जिन्हें बदलवाने के लिए के लिए उपभोक्ता कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। एलईडी बल्ब बेचने वाली ईईएसएल कंपनी के प्रतिनिधियों का कोई अता-पता नहीं हैं। वहीं इस बारे में निगम अधिकारियों से मिलने जाते हैं, तो कार्यालय में नहीं मिलते। मिलते भी हैं, तो उनका जवाब होता है कि उन्होंने कोई एलईडी बल्ब नहीं बेचा। उन्होंने तो कंपनी को केवल बल्ब बिक्री के लिए जगह उपलब्ध कराई थी।

मंगलवार सुबह 10 बजे हांसी रोड स्थित बिजली निगम के कार्यालय में काफी लोग काम के सिलसिले में पहुंचे हुए थे। किसी को अपना बिजली बिल ठीक कराना था, तो किसी को खराब एलईडी बल्ब बदलवाना था। लेकिन कार्यालय में एक्सईएन और एसडीओ कोई नहीं था। जिससे लोगों को वापस जाना पड़ा। इस बारे में एक्सईएन दलबीर ¨सह से बात की गई, तो उनका कहना था कि माफी योजना चल रही है। जिसके लिए एसडीओ सुबह ही गांवों में खुले दरबार के लिए निकल जाते हैं। वे खुद भी इन खुले दरबारों की मॉनिट¨रग करते हैं।

जोगेंद्र नगर निवासी विनोद और अमित ने बताया कि कार्यालय में लगे काउंटर से उन्होंने बिजली बल्ब खरीदे थे। इन्हें बदलवाने के लिए कई बार चक्कर काट चुके हैं, लेकिन यहां कोई नहीं मिल रहा।

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2016 में शुरू हुई उजाला योजना

केंद्र सरकार की उजाला योजना (उन्नत ज्योति बाय अफोर्डेबल एलईडीज फॉर आल) के तहत साल बिजली की खपत को कम करने के लिए निगम कार्यालयों में बूथ बनाकर नौ वाट के एलईडी बल्बों की बिक्री की गई थी। ईईएसएल कंपनी की ओर से जिले में अब तक करीब 3.90 एलईडी बल्ब जींद सर्कल में बेचे। शुरुआत में एलईडी बल्ब की कीमत 75 रुपये रखी गई। बाद में घटाकर रेट 65 रुपये कर दिया गया। इन एलईडी पर कंपनी की तरफ से तीन साल की गारंटी दी गई। कम रेट पर व तीन साल की गारंटी मिलने के चलते हजारों लोगों ने ये एलईडी बल्ब खरीदे। अब ये बल्ब खराब हो चुके हैं। लेकिन कंपनी का कोई अता-पता नहीं है। जिसके चलते उपभोक्ता खराब बल्बों को बदलवाने के लिए निगम कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। ये दिक्कत किसी एक-दो व्यक्ति की नहीं, बल्कि हर घर की है।

प्रदेश में डेढ़ करोड़ एलईडी बिक्री

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम हिसार कार्यालय के अनुसार यह केंद्रीय सरकार की योजना है। उन्होंने तो बिक्री के लिए केवल काउंटर उपलब्ध कराए। ईईएसएल कंपनी को इसका टेंडर दिया हुआ था। कॉन्ट्रेक्ट साइन करते समय निगम की ओर से सेल में सहयोग करने व काउंटर उपलब्ध कराने की बात हुई थी। निगम के आकड़ों के अनुसार हरियाणा में कंपनी द्वारा डेढ़ करोड़ एलईडी बल्ब सेल किये जा चुके हैं।

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पोस्टपेड प्लान से आई दिक्कत

बताया जा रहा है कि ईईएसएल कंपनी ने पोस्टपेड प्लान से आगे ठेका देकर ठेकेदारों के माध्यम से एलईडी बल्ब की बिक्री उपलब्ध कराई। पोस्टपेड प्लान यानि ठेकेदारों ने कंपनी से पहले बल्ब उठाए और उनकी बिक्री होने के बाद कंपनी में पैसा जमा कराया। इसमें कुछ ठेकेदारों ने गड़बड़ी कर दी और पूरा पैसा जमा नहीं कराया। जिसके चलते बल्ब बिक्री का काम रुक गया। कंपनी की ओर से नए सिरे से प्रीपेड प्लान के तहत बिक्री शुरू करेगी। इसमें पहले पेमेंट जमा करा कर बल्ब ठेकेदार को दिए जाएंगे।

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निगम के काउंटरों पर एलइडी बल्ब की बिक्री हुई है। इसलिए जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते। जींद सर्कल में एलईडी की बिक्री पर क्यों रोक लगी हुई है। कारणों का पता लगा कर जल्द ही बिक्री शुरू कराई जाएगी। जिन उपभोक्ताओं की एलईडी खराब हो चुकी हैं, उन्हें गारंटी के तहत रिप्लेस कराया जाएगा।

श्यामबीर सैनी, एसई, बिजली निगम, जींद


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