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1200 किलोमीटर का सफर साइकिल पर तय करने निकले प्रवासी मजदूर

कोरोना वायरस ने प्रत्येक व्यक्ति को झिझोड़ कर रख दिया है। लॉकडाउन में लोगों के काम भी ठप पड़ गए हैं। ऐसे में प्रवासी मजदूरों को रोटी के लाले पड़ गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 09:58 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 09:58 AM (IST)
1200 किलोमीटर का सफर साइकिल पर तय करने निकले प्रवासी मजदूर

महा सिंह श्योरान, नरवाना

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कोरोना वायरस ने प्रत्येक व्यक्ति को झिझोड़ कर रख दिया है। लॉकडाउन में लोगों के काम भी ठप पड़ गए हैं। ऐसे में प्रवासी मजदूरों को रोटी के लाले पड़ गए हैं। केंद्र तथा राज्य सरकारों ने प्रवासी मजदूरों को उनके ठिकाने भेजने के स्पेशल ट्रेन चलाई हैं, लेकिन काफी लोगों का उसमें भी नंबर नहीं आया है। ऐसे मजदूर अब साइकिल पर सवार होकर घर की तरफ निकल पड़े हैं। मंगलवार को नरवाना में साइकिल पर सवार छह-सात प्रवासी मजदूर पहुंचे, जो सुबह 4 बजे पंजाब के पातड़ां से बिहार के अपने गृह जिले सपरा का 1200 किलोमीटर का सफर साइकिल पर तय करने के लिए निकले थे। इन मजदूरों ने बताया कि वे पातड़ां में गैस-चूल्हा व कूकर इत्यादि रिपेयरिग का काम करते थे, जो लॉकडाउन ने चौपट कर दिया। जब खाने के लिए उनके पास पैसा नहीं बचा है, तो वहां कब तक रहते। वे अपने राज्य बिहार तो पहले ही जाना चाहते थे, लेकिन पंजाब में क‌र्फ्यू लगा होने के कारण ऐसा नहीं कर पाए। अब थोड़ी-सी छूट मिलने पर अपने घर को निकल पड़े हैं। साइकिल में हवा भरने के लिए पंप है, तो खाने के लिए चावलों से बनाया सूखा चूरमा साथ लिए हुए हैं। रास्ते में चाय-रोटी के लिए कोई होटल मिल गए तो ठीक, नहीं तो चावलों से बनाए इस खाद्य पदार्थ से काम चला लेंगे। अब चाहे कुछ भी हो, भूखे रहें या प्यासे अपने घर जाएंगे और तभी तो अपने परिवार से मिल पाएंगे।


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