प्रोविजनल आइडी वैट से जीएसटी में 31 अगस्त तक होगी माइग्रेट
जागरण संवाददाता, जींद जीएसटी के दायरे में आने वाले जिन करदाताओं को प्रोविजनल आइडी तो मि
जागरण संवाददाता, जींद
जीएसटी के दायरे में आने वाले जिन करदाताओं को प्रोविजनल आइडी तो मिल गई थी, परंतु वैट से जीएसटी में स्थानांतरित होने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। अब विभाग ने माइग्रेशन ¨वडो 31 अगस्त तक खोल दिया है।
उप आबकारी व कराधान आयुक्त सेल्स सुरेंद्र कुमार ने बताया कि जिन व्यापारियों ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन-26 के पार्ट-ए को तो भर दिया, परंतु पार्ट-बी नहीं भर पाए, उन करदाताओं को अपने अधिकार क्षेत्र के केंद्र या राज्य सरकार के नोडल अधिकारी से संपर्क करना पड़ेगा। निर्धारित कार्यालय में सूचना भरकर नोडल अधिकारी के माध्यम से जीएसटीआइएन को भेजी जाएगी। ऐसे केसों में करदाताओं को लेट फीस के साथ रिटर्न भरनी होगी। रिटर्न भरने पर लगने वाली लेट फीस को विभाग ने माफ कर दिया है। व्यापारियों द्वारा भरी गई लेट फीस की राशि उसके केस लेजर में वापस कर दी जाएगी।
--यह सूचना देनी होंगी
करदाताओं को प्रोविजनल आइडी और पहले अधिनियम के अंतर्गत का पंजीकरण संख्या, टोकन नंबर, ई-मेल, आईडी, मोबाइल नंबर व पूर्व में स्थानांतरित न होने के कारण सहित सूचना अपने क्षेत्र के सक्षम अधिकारी को देनी होगी। यह सूचना जीएसटीआइएन की ई-मेल आइडी की सर्विस टैब में जाकर फार्म जीएसटी आरईजी-01 में भरना होगा। यह फार्म भरने के बाद अधिकारी की स्वीकृति के बाद अधिकारी द्वारा एआरएन नया एक्सेस टोकन व नया जीएसटीआइएन दिया जाएगा। डीइटीसी सुरेंद्र ने बताया कि ऐसे करदाता को एक जुलाई 2017 से पंजीकृत के तौर पर प्रभावी समझा जाएगा।