Move to Jagran APP

प्रोविजनल आइडी वैट से जीएसटी में 31 अगस्त तक होगी माइग्रेट

जागरण संवाददाता, जींद जीएसटी के दायरे में आने वाले जिन करदाताओं को प्रोविजनल आइडी तो मि

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 01:13 AM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 01:13 AM (IST)
प्रोविजनल आइडी वैट से जीएसटी में 31 अगस्त तक होगी माइग्रेट

जागरण संवाददाता, जींद

loksabha election banner

जीएसटी के दायरे में आने वाले जिन करदाताओं को प्रोविजनल आइडी तो मिल गई थी, परंतु वैट से जीएसटी में स्थानांतरित होने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। अब विभाग ने माइग्रेशन ¨वडो 31 अगस्त तक खोल दिया है।

उप आबकारी व कराधान आयुक्त सेल्स सुरेंद्र कुमार ने बताया कि जिन व्यापारियों ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन-26 के पार्ट-ए को तो भर दिया, परंतु पार्ट-बी नहीं भर पाए, उन करदाताओं को अपने अधिकार क्षेत्र के केंद्र या राज्य सरकार के नोडल अधिकारी से संपर्क करना पड़ेगा। निर्धारित कार्यालय में सूचना भरकर नोडल अधिकारी के माध्यम से जीएसटीआइएन को भेजी जाएगी। ऐसे केसों में करदाताओं को लेट फीस के साथ रिटर्न भरनी होगी। रिटर्न भरने पर लगने वाली लेट फीस को विभाग ने माफ कर दिया है। व्यापारियों द्वारा भरी गई लेट फीस की राशि उसके केस लेजर में वापस कर दी जाएगी।

--यह सूचना देनी होंगी

करदाताओं को प्रोविजनल आइडी और पहले अधिनियम के अंतर्गत का पंजीकरण संख्या, टोकन नंबर, ई-मेल, आईडी, मोबाइल नंबर व पूर्व में स्थानांतरित न होने के कारण सहित सूचना अपने क्षेत्र के सक्षम अधिकारी को देनी होगी। यह सूचना जीएसटीआइएन की ई-मेल आइडी की सर्विस टैब में जाकर फार्म जीएसटी आरईजी-01 में भरना होगा। यह फार्म भरने के बाद अधिकारी की स्वीकृति के बाद अधिकारी द्वारा एआरएन नया एक्सेस टोकन व नया जीएसटीआइएन दिया जाएगा। डीइटीसी सुरेंद्र ने बताया कि ऐसे करदाता को एक जुलाई 2017 से पंजीकृत के तौर पर प्रभावी समझा जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.