पेगां पेक्स में घालमेल को लेकर लंबी चलेगी जांच
गांव संडील के किसानों द्वारा पेगां पेक्स में नकदी तथा खाद के मामले में कर्मचारियों द्वारा लगाए आरोपों के मामले में जांच अभी लंबी खींचने के आसार बन गए हैं।
संवाद सहयोगी, अलेवा : गांव संडील के किसानों द्वारा पेगां पेक्स में नकदी तथा खाद के मामले में कर्मचारियों द्वारा लगाए आरोपों के मामले में जांच अभी लंबी खींचने के आसार बन गए हैं। जांच टीम द्वारा शिकायत के 16 दिनों में फिलहाल 160 किसानों के खातों की जांच का काम ही पूरा किया है, जबकि गांव के कुल 600 के करीब खाता धारक बताए जा रहे हैं।
निरीक्षक सतपाल हुडडा ने बताया कि जांच टीम द्वारा किसानों के घर-घर पहुंचकर किसानों के खातों की जांच की जा रही है, लेकिन कुछ किसानों के घर पर न मिलने के चलते टीम को जांच में कुछ परेशानी आ रही है। इसके लिए टीम पहले से ज्यादा तीव्रता से जांच करने का काम करेगी ताकि किसानों के खातों की जल्द से जल्द जांच हो सके। छोटे चेहरों के अलावा बड़े चेहरे भी हो बेनकाब
निरीक्षक सतपाल हुड्डा ले बताया कि जांच में सब कुछ पानी का पानी को जाएगा। शुरुआती जांच में खाद मामले में ही घोटाला सामने आ चुका है, लेकिन देखना है कि जांच में जहां कुछ छोटे कर्मचारियों के अलावा बड़े चेहरों पर भी गाज गिर सकती है। एक छोटा कर्मचारी बिना अधिकारी की सह के बिना घालमेल नहीं कर सकता है और यह जांच में स्पष्ट दिखाई भी दे रहा है। मामले को लेकर बारीकी से जांच की जा रही है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि जांच में पूरा गांव सहयोग करें ताकि जल्द से जल्द मामले को लेकर पर्दा उठ सके। किसानों ने मामले को जल्द उजागर करने की मांग
संडील गांव के किसान बलजीत, श्रीपाल, रामफल, रामदिया आदि किसानों ने कहा कि जांच टीम को चाहिए की मामले का खुलासा जल्द करें ताकि मामले में संलिप्त व्यक्ति रिकार्ड के साथ छेड़खानी न कर सके। पेक्स का रिकार्ड एक आम किसान के पास न होकर कर्मचारियों के पास है और जिसमें कर्मचारियों द्वारा छेड़खानी से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए जांच एजेंसी को चाहिए की पेक्स का पूरा रिकार्ड अपने कब्जे में लें। ब्याज माफी योजना से महरूम हुए किसान
पीड़ित किसानों ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा 31 दिसंबर तक ब्याज माफी योजना की घोषणा चलते कुछ किसान मामले को लेकर महरूम रह गए हैं। जिसके चलते किसानों पर ब्याज की मार पड़ सकती है। उन्होंने मामले को लेकर सरकार तथा विभाग से पीड़ित किसानों को शामिल करने की मांग की है।