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रसोई गैस सिलेंडर दो महीने में 100 रुपये व पेट्रोल आठ महीने में 10 रुपये लीटर बढ़ा

जिले भर में गैस-सिलेंडर के 1.45 लाख उपभोक्ता हैं। पांच साल पहले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 416 रुपये थे। उसके बाद से गैस सिलेंडर के दाम बेतहाशा बढ़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 08:40 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 08:40 AM (IST)
रसोई गैस सिलेंडर दो महीने में 100 रुपये व पेट्रोल आठ महीने में 10 रुपये लीटर बढ़ा

जागरण संवाददाता, जींद : पेट्रोल- डीजल के बढ़ते दामों के साथ एलपीजी सिलेंडर के दाम एक बार फिर से बढ़ने से आम आदमी पर महंगाई की दोहरी मार पड़ी है। एलपीजी सिलेंडर की कीमत 800 रुपये के पार चली गई है। पिछले दो महीने में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 703 से बढ़कर 803 रुपये हो गई है। वहीं, पेट्रोल की कीमत में 8 रुपये का इजाफा हो चुका है। इससे गृहिणियों के अलावा आम लोगों में भी सरकार के प्रति रोष पनपने लगा है। जिले में लगभग 150 पेट्रोल पंप हैं। जिन पर हर रोज औसतन एक लाख लीटर पेट्रोल व डीजल की बिक्री होती है।

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जिले भर में गैस-सिलेंडर के 1.45 लाख उपभोक्ता हैं। पांच साल पहले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 416 रुपये थे। उसके बाद से गैस सिलेंडर के दाम बेतहाशा बढ़ रहे हैं। शुरू में सब्सिडी का लाभ उपभोक्ताओं को मिलता था लेकिन अब इस सब्सिडी को भी खत्म कर दिया गया है। इससे महिलाओं को घरों की रसोई चलानी मुश्किल हो रही है। हर रोज बढ़ रही गैस-सिलेंडरों की कीमत के कारण आम आदमी सिलेंडर की पहुंच से दूर होता जा रहा है। लोग फिर से मिट्टी के चूल्हों पर आने लगे हैं। एक जनवरी को सिलेंडर की कीमत 703 रुपये थे, जो 15 फरवरी को बढ़कर 778 रुपये हो गई। वीरवार को फिर से सिलेंडर का रेट बढ़ा और अब इसकी कीमत 803 रुपये होने से गृहिणियों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। सिलेंडर का रेट बढ़ने से बिगड़ रहा रसोई का बजट : सीमा

प्राध्यापिका सीमा ढांडा ने कहा कि जनवरी में सिलेंडर का रेट 703 रुपये थे, जो आज 803 रुपये पर पहुंच गया है। दो महीने में 100 रुपये बढ़ने से सिलेंडर ही नहीं, पूरी रसोई का बजट बिगड़ रहा है। सिलेंडर के अलावा दूसरी खाद्य वस्तुओं के रेट भी लगातार बढ़ रहे हैं। सिलेंडरों की बढ़ी हुई कीमत को कम किया जाना चाहिये, ताकि गृहणियों को कुछ राहत मिल सके। पेट्रोल-डीजल ने निकाला लोगों का तेल : आशीष

गोहाना रोड पर स्कूटी में तेल डलवा रहे घिमाना गांव के आशीष ने कहा कि रसोई गैस के अलावा पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत ने भी लोगों का तेल निकाल दिया है। पेट्रोल अब 88.66 रुपये प्रति लीटर और डीजल 81.68 रुपये प्रति लीटर है, जो अब तक सबसे ज्यादा रेट पर पहुंच गया है। पहले महीने में वह अपनी स्कूटी में 1500 रुपये का पेट्रोल डलवाते थे लेकिन अब उन्हें 2 हजार से ज्यादा पेट्रोल पर हर महीने खर्च करने पड़ रहे हैं। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर इसकी कीमत कम हो सकती है। राज्य सरकार वैट छोड़े तो कम हो सकते हैं रेट : विकास

पटियाला चौक निवासी विकास ने कहा कि प्रदेश सरकार सरकार पेट्रोल पर 26.22 रुपये और डीजल पर 17.22 रुपये वैट लेती है। अगर राज्य सरकार चाहे तो लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। इसके लिए उसे अपने हिस्से का वैट खत्म करना होगा। हरियाणा सरकार पेट्रोल पर वैट खत्म कर दे तो यह 62.44 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा और डीजल 64 रुपये पर आ जाएगा। पिछले आठ माह में यूं बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम

महीना -पेट्रोल -डीजल

1 जुलाई -78.42 -72.55

1 अगस्त -78.47 -73.88

1 सितंबर -80.09 -73.88

1 अक्टूबर -79.10 -71.04

1 नवंबर -79.10 -70.97

1 दिसंबर -80.32 -72.75

1 जनवरी -81.65 -74.20

1 फरवरी -84.20 -81.68

25 फरवरी -88.66 -81.68

(रेट रुपये प्रति लीटर)


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