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कर्मचारियों के वेतन के लिए नगर परिषद को मिले 2 करोड़ रुपये

वित्तीय संकट से जूझ रही नगर परिषद को कर्मचारियों का वेतन देने के लिए प्रदेश सरकार ने दो करोड़ रुपये दिए हैं। ये पैसा नगर परिषद के सैलरी हेड में डाला गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 06:20 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 06:20 AM (IST)
कर्मचारियों के वेतन के लिए नगर परिषद को मिले 2 करोड़ रुपये

जागरण संवाददाता, जींद : वित्तीय संकट से जूझ रही नगर परिषद को कर्मचारियों का वेतन देने के लिए प्रदेश सरकार ने दो करोड़ रुपये दिए हैं। ये पैसा नगर परिषद के सैलरी हेड में डाला गया है।

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नगर परिषद में सफाई कर्मचारियों और कार्यालय के स्टाफ सहित करीब 300 का स्टाफ है। जिनका मासिक वेतन एक करोड़ रुपये से ज्यादा बनता है। कर्मचारियों को दिसंबर का वेतन नहीं मिल पाया है। वहीं काफी कर्मचारियों का पिछले कुछ माह का भी वेतन बकाया है। कोरोना काल में शहर में काम-धंधे ठप होने से नगर परिषद की आमदनी काफी कम हुई। जिसे देखते हुए ही सरकार ने नगर परिषद को वेतन के लिए राशि जारी की। इस राशि से कर्मचारियों का पिछला वेतन तो मिल जाएगा। अगर रुका हुआ स्टांप ड्यूटी का पैसा जल्द नहीं मिला और प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी नहीं हुई, तो आने वाले महीनों में भी वेतन को लेकर दिक्कत आने वाली है। नगर परिषद ने सरकार को डिमांड तो साढ़े नौ करोड़ रुपये की भेजी थी। लेकिन केवल दो करोड़ रुपये ही आए हैं। स्टांप ड्यूटी नहीं मिली

नगर परिषद को सबसे ज्यादा आमदनी स्टैंप ड्यूटी से होती है। इस वित्त वर्ष में अब तक स्टांप ड्यूटी का एक भी पैसा नगर परिषद को नहीं मिला। जबकि नगर परिषद ने पूरे साल में इससे 17 करोड़ रुपये की आमदनी होने का अनुमान लगाया था। प्रॉपर्टी टैक्स भी कम आया

प्रॉपर्टी टैक्स नगर परिषद की आय का मुख्य स्त्रोत है। वित्त वर्ष 2020-21 में चार करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी का लक्ष्य था। लेकिन अभी तक 1.20 करोड़ रुपये ही जमा हुए। वहीं पिछले साल केवल 74.4 लाख रुपये ही प्रॉपर्टी टैक्स के जमा हुए थे। दुकानों का किराया भी कम आया

नगर परिषद की शहर में करीब 370 दुकानें हैं। जिन्हें किराये पर दिया हुआ है। लॉकडाउन के दौरान दुकानें बंद रही। जिस कारण काफी दुकानदारों ने किराया जमा नहीं कराया। वहीं नगर परिषद ने कोरोना के चलते दो माह का किराया भी माफ कर दिया। डेवलपमेंट चार्ज नहीं मिला

नगर परिषद को डेवलपमेंट चार्ज से लाखों रुपये की आमदनी होती है। लेकिन कोरोना काल में लोगों ने निर्माण कार्य नहीं किए। जिससे डेवलपमेंट चार्ज भी नहीं जमा हुआ। मकान या कोई बिल्डिग बनाने के लिए नगर परिषद से डेवलपमेंट चार्ज भर कर अनुमति लेनी होती है। अगले माह से समय पर मिलेगा वेतन : प्रधान

नगर परिषद को विभिन्न मदों से प्राप्त होने वाली आय पर कोरोना की वजह से असर पड़ा। जिससे वेतन देने में दिक्कत आई। सरकार की तरफ से मिले दो करोड़ रुपये से कर्मचारियों का पिछला बकाया वेतन दिया जाएगा। अब स्थिति सामान्य होने लगी है। जिससे भविष्य में वेतन को लेकर दिक्कत नहीं आएगी और हर माह एक तारीख को कर्मचारियों को वेतन मिल जाएगा।

पूनम सैनी, प्रधान, नगर परिषद जींद


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