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नरवाना से पंजाब के मैसरखाना तक इलेक्ट्रिक लोको ट्रॉयल रहा सफल

जागरण संवाददाता, जींद : दिल्ली से ब¨ठडा तक सफर करने वाले रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर ह

By JagranEdited By: Sun, 31 Dec 2017 02:59 AM (IST)
नरवाना से पंजाब के मैसरखाना तक इलेक्ट्रिक लोको ट्रॉयल रहा सफल
नरवाना से पंजाब के मैसरखाना तक इलेक्ट्रिक लोको ट्रॉयल रहा सफल

जागरण संवाददाता, जींद : दिल्ली से ब¨ठडा तक सफर करने वाले रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें जनवरी के अंत तक इलेक्ट्रिक ट्रेन मिलने की पूरी संभावना है। नई दिल्ली-ब¨ठडा रेल मार्ग के चल रहे विद्युतीकरण कार्य के तीसरे चरण में एक और चरण का इलेक्ट्रिक ट्रॉयल रन शनिवार को पूरा कर लिया गया है।

इससे पहले रोहतक से जींद पहले और जींद से नरवाना दूसरे चरण में विद्युतीकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब तीसरे चरण में नरवाना से 113 किलोमीटर पंजाब के मैसरखाना स्टेशन तक लोको ट्रॉयल रन भी रेलवे अधिकारियों ने पूरा कर लिया है। उसमें किसी प्रकार की कोई कमी नहीं पाई गई। इसके बाद इस रन की रिपोर्ट रेलवे अधिकारी सीआरएस को भेजेंगे। सीआरएस को भेजने के बाद उनका एक निरीक्षण किया जाएगा। सीआरएस का निरीक्षण पहले 30 दिसंबर को होना था, लेकिन उनका किसी दूसरी जगह पहले से कार्यक्रम तय होने से वह यह निरीक्षण नहीं कर पाए। उम्मीद जताई जा रही है कि अब नरवाना से ब¨ठडा तक का उनका निरीक्षण 8 जनवरी को या फिर उसके बाद हो सकता है। इलेक्ट्रिक ट्रॉयल रन में चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर अजीत ¨सह जांगू, डिप्टी चीफ इलेक्ट्रिक इंजिनियर प्रदीप ¨सधू, डीजीएम व केईसी धनंजय नांदी और मानिक गुप्ता मौजूद रहे।

जोरों पर चल रहा काम

इस सेक्शन के विद्युतीकरण के लिए भी इन दिनों जोरों पर काम चला हुआ है। जनवरी के अंतिम सप्ताह में इस कार्य के पूरा होने का समय निर्धारित किया गया है। इससे जाहिर के अगले साल जिले समेत आसपास के जिलों के लोग दिल्ली-ब¨ठडा के बीच आसानी से इलेक्ट्रिक चालित ट्रेनों में सफर कर सकेंगे।

अब तक यह हुआ कार्य

नई दिल्ली से ब¨ठडा तक रेलवे लाइन के विद्युतीकरण कार्य को रेलवे को चार चरणों में पूरा करना था। शुरुआत में दिल्ली से रोहतक तक के रेलवे सेक्शन का विद्युतीकरण कार्य पूरा किया गया। इसके बाद रोहतक से जींद तक के रेलवे सेक्शन का विद्युतीकरण कार्य पूरा किया गया और इसी साल 16 मार्च को सीआरएस ने इसका निरीक्षण करने के बाद इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाई थी। उसके बाद जींद से नरवाना रेलवे सेक्शन का विद्युतीकरण कार्य पूरा हुआ है। अब नरवाना से मैसरखाना तक इलेक्ट्रिक ट्रायल रन लिया गया।

चल रहीं इलेक्ट्रिक मालगाड़ियां

जींद जंक्शन से अभी तक मालगाड़ियों के इंजन को बदला जा रहा है। इसमें ब¨ठडा से जींद तक मालगाड़ियों को डीजल इंजन के साथ लाया जाता है और उसके बाद जींद से रोहतक की तरफ इलेक्ट्रिक इंजन के साथ भेज दिया जाता है। वापसी में रोहतक से जींद तक इलेक्ट्रिक इंजन के साथ लाया जाता है और जींद से ब¨ठडा तक डीजल इंजन लगाकर भेजा जाता है।

ये होंगी सुविधाएं

--समय कम लगेगा : इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने के बाद दिल्ली-ब¨ठडा तक के तीन सौ किमी सफर को यात्री काफी कम समय में तय कर सकेंगे। जींद से भी दिल्ली और ब¨ठडा जाने वाले यात्रियों के समय में काफी बचत होगी।

--यात्री बढ़ेंगे : दिल्ली-ब¨ठडा का विद्युतीकरण होने से इस रेलवे रूट पर ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी। दिल्ली, रोहतक, जाखल ब¨ठडा आदि शहरों में जाने के लिए यात्रियों को ट्रेनों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ज्यादा गाड़ियों के चलने से रेलवे यात्रियों की संख्या में इजाफा हो जाएगा और इससे रेलवे को फायदा होगा। फिलहाल दिल्ली-ब¨ठडा रेलवे ट्रैक पर दिन-रात में कुल 90 गाड़ियां चलती हैं। इसमें पैसेंजर एक्सप्रेस गाड़ियों की संख्या 60 है।

--धुएं से निजात : इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलने से लोग रेलगाड़ी में प्रदूषण मुक्त यात्रा का आनंद उठा सकेंगे। फिलहाल दिल्ली-ब¨ठडा रेलवे ट्रैक पर डीजल इंजन वाली गाड़ियां चल रही हैं। इस दौरान कई गाड़ियों के इंजन काफी अधिक मात्रा में धुआं निकालते हैं। उससे यात्रियों को खिड़कियां बंद तक करनी पड़ती है। इंजन से निकलने वाले धुएं का यात्रियों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

तीसरे चरण में इलेक्ट्रिक लोको ट्रॉयल रन पूरा कर लिया गया है। इन रन के दौरान सब सही पाया गया। अब इसकी रिपोर्ट सीआएस को भेज दी जाएगी। इसके बाद सीआएस का निरीक्षण कभी भी हो सकता है। अभी तिथि फाइनल नहीं है। यह रन इलेक्ट्रिक इंजन के साथ लिया गया है। सुधीर हुड्डा, चीफ ऑफिस सुपरिंटेंडेंट, उत्तर रेलवे।