नारी की प्रतिमा को पूजने की बजाय उसे सम्मान दें : आचार्य पवन
कर दो भस्म अपने भीतर के रावण को मां के पवित्र अग्नि कुंड में। बलि चढ़ा दो अपने काम-क्रोध लोभ-मोह व हिसक प्रवृति की मां की पवित्र बलि वेदी पर।
जागरण संवाददाता, जींद : कर दो भस्म अपने भीतर के रावण को मां के पवित्र अग्नि कुंड में। बलि चढ़ा दो अपने काम-क्रोध, लोभ-मोह व हिसक प्रवृति की मां की पवित्र बलि वेदी पर। मां तुम्हारे इन अवगुणों को नष्ट कर दे, ऐसी मां से विनम्र प्रार्थना करो। उक्त वाक्य आचार्य पवन शर्मा ने विजया दशमी की पूर्व रात्रि में माता वैष्णवी धाम में आयोजित नवार्ण महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर उपस्थित मातृभक्तों के समक्ष अपने संबोधन में कहे। आचार्य ने कहा कि हम नवरात्रों में जिस कन्या के स्वरूप की मां मानकर पूजा करते हैं। व्यवहारिक जीवन में हम उसे केवल उपभोग की वस्तु मान बैठे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि हमने नारी की प्रतिमा को पूजने का बीड़ा उठाया है, न कि नारी को पूजने का। आइए इस पावन वेला में हम नारी जाति को मां की साक्षात मूर्ति मानकर उनको समुचित सुरक्षा व सम्मान प्रदान करने का संकल्प लें। वरदान हॉस्पिटल की डायरेक्टर मीना शर्मा, संजीव आसरी व समाजसेवी सोमवीर पहलवान ने सपरिवार महायज्ञ में पूर्णाहुति अर्पित की। उनके अलावा विनोद आसरी, रघुनंदन शर्मा, डॉ. दिनेश शर्मा, गौरव सेठी, अशोक गुलाटी, अशोक वासुदेव, सुमित कौशिक, ओमप्रकाश खन्ना, अशोक नागी, सतीश जैन, सौरभ गोयल ने भी सपरिवार मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना कर महायज्ञ में आहुति दी।