भारत ने दुनिया को संस्कारों की शिक्षा दी, पश्चिमी सभ्यता ने हलाला व तीन तलाक : इंद्रेश कुमार
जागरण संवाददाता, जींद : चौधरी रणबीर ¨सह विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में
जागरण संवाददाता, जींद : चौधरी रणबीर ¨सह विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे आरएसएस प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत ने दुनिया को संस्कारों की शिक्षा दी। होली जैसा पवित्र त्योहार जिसमें महिला व पुरुष एक-दूसरे के शरीर पर रंग-गुलाल लगाते थे, लेकिन उनके अंदर वासना नहीं जागती थी। वहीं राधा-कृष्ण, हीर-रांझा व लैला-मजनू जैसे पवित्र प्रेम करने वाले यहां पैदा हुए। लेकिन पश्चिमी सभ्यता ने वेलेनटाइन दिया, जिसे घर पर भी नहीं मना सकते। इससे नाजायज संतानों ने जन्म लिया। हलाला व तीन तलाक भी वहीं से आया।
उन्होंने कहा कि एक समय भारत दुनिया का सबसे समृद्ध देश था और जीडीपी के अनुसार बात करें, तो उस समय जीडीपी 72 प्रतिशत होती थी। ये सब संस्कारों की शिक्षा के कारण था। अनपढ़ व्यक्ति में भी संस्कारों की शिक्षा थी। लेकिन बाद में संस्कार विहीन शिक्षा के कारण हम पतन की ओर चले गए। मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र पाल वत्स ने कहा कि शिक्षक सभ्य समाज के निर्माता होते हैं जो स्वयं का सम्पूर्ण जीवन ज्ञान को सांझा कर विकास मार्ग पर अग्रसर करने में लगा देते है। ऐसे शिक्षक सदैव नमन योग्य है। प्रत्येक जीवन में गुरू की भूमिका अतुलनीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वीसी डॉ. आरबी सोलंकी ने कहा कि आज जिस मुकाम पर वे हैं, वो उनके गुरु की ही बदौलत है। इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल से पुष्पेन्द्र राठी, सीआरएसयू के रजिस्ट्रार डॉ. राजबीर ¨सह, प्रो. एसके सिन्हा, प्रो. संदीप बेरवाल, प्रो. ज्योति श्योराण मौजूद रहे।