रात को कॉन्फ्रेंस हाल से निकाला, प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर धरने पर बैठे प्रो. संदीप बेरवाल
सीआरएसयू में रविवार रात को हुए हंगामे के बाद सोमवार को कार्यकारी परिषद की मीटिग हुई। जिसमें प्रो. संदीप बेरवाल को सस्पेंड कर दिया गया और चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी की गई।
जागरण संवाददाता, जींद : सीआरएसयू में रविवार रात को हुए हंगामे के बाद सोमवार को कार्यकारी परिषद की मीटिग हुई। जिसमें प्रो. संदीप बेरवाल को सस्पेंड कर दिया गया और चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी की गई। मीटिग के दौरान प्रशासनिक ब्लॉक के गेट पर ताला लगाया गया था, ताकि कोई अंदर नहीं आ सके। जबकि प्रशासनिक खंड के बाहर भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले डीन ऑफ फैकल्टी प्रो. संदीप बेरवाल धरने पर बैठे रहे। उन्होंने कार्यकारी परिषद का सदस्य होने का हवाला देते हुए मीटिग में जाने का प्रयास किया। ऑनलाइन भी जुड़ने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें मीटिग में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। संदीप बेरवाल ने आरोप लगाया कि रात को वीसी तथा रजिस्ट्रार के इशारे पर डीएसपी साधुराम तथा सदर थाना प्रभारी संजय ने उन्हें जबरदस्ती कॉन्फ्रेंस हाल से घसीटते हुए बाहर निकाल दिया। इस दौरान उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और प्रशासनिक खंड के गेट को बंद कर दिया गया। जिसके चलते उन्हें बाहर धरना शुरु कर दिया। उन्होंने भर्ती में वीसी, रजिस्ट्रार व सेलेक्शन कमेटी के सदस्यों पर धांधली के आरोपों को दोहराया। उनके समर्थन में धरने पर भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर से भी कुछ टीचिग स्टाफ के लोग पहुंचे। ---------------- सीटिग जज से कराई जाए जांच : विधायक सफीदों के विधायक सुभाष देशवाल सोमवार सुबह सीआरएसयू पहुंचे। उन्होंने वीसी आरबी सोलंकी से मिलने के लिए संदेश भी भेजा। लेकिन वीसी उनसे नहीं मिले। जिसके बाद वे संदीप बेरवाल से मिले। सुभाष देशवाल ने आरोप लगाया कि सीआरएसयू में भर्ती में गड़बड़ी हो रही है। विवादों के बावजूद सांठगांठ कर भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने में जुटे हुए हैं। भर्ती की जांच सीटिग जज से करवाई जानी चाहिए। विधायक ने कहा कि जिस प्रकार से भर्ती में धांधली बरती जा रही है। उससे न केवल जींद के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। बल्कि संविधान कमेटी के सदस्य स्व. रणबीर सिंह हुड्डा के नाम पर बने विश्वविद्यालय के नाम को भी बदनाम किया जा रहा है। अगर इस पर रोक नहीं लगी, तो वे धरने पर बैठने को मजबूर होंगे। --------------- रजिस्ट्रार ने सबूतों के साथ बेरवाल पर उठाए सवाल रविवार रात को धरने पर बैठे प्रो. संदीप बेरवाल ने सेलेक्शन कमेटी सदस्यों के साथ-साथ वीसी और रजिस्ट्रार पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। सोमवार को कार्यकारी परिषद की मीटिग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए रजिस्ट्रार प्रो. राजेश पूनिया ने भर्ती प्रक्रिया के कागजात दिखाते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। बाहर से देश के बेहतरीन एक्सपर्ट को बुलाया गया था। प्रक्रिया सही तरीके से हो, इसके लिए राज्यपाल की तरफ से मनोनित सदस्य भी आता है। 50 अंक अकादमिक और 50 अंक इंटरव्यू व डोमेन नॉलेज के हैं। कमेटी की तरफ से मूल्यांकन के बाद जितने अंक बने, उन्हें सील कर दिया गया। साक्षात्कार लेने का काम सब्जेक्ट एक्सपर्ट का होता है। रविवार को जो साक्षात्कार हुए, उसमें प्रो. संदीप बेरवाल के हस्ताक्षर हैं। संदीप बेरवाल जिस आवेदक के चयन का दबाव बना रहे थे, उसके अकादमिक के अंक कम थे। जबकि दूसरे आवेदक के उससे अंक काफी ज्यादा थे। अपने चहेते का चयन नहीं होने पर संदीप बेरवाल ने सेलेक्शन कमेटी के सदस्यों के साथ बुरा बर्ताव किया। ---------------- पहले भी उठते रहे हैं विवाद भर्तियों को लेकर विवाद पहले भी उठते रहे हैं। पिछले सप्ताह पूर्व रजिस्ट्रार डा. राजबीर मोर ने वीसी पर अपने चहेतों को भर्ती करने का अंदेशा जताते हुए राज्यपाल के सचिव को शिकायत भेजी थी। वहीं कई बार चिट्ठियां भी सामने आई हैं, जिनमें भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। लेकिन उनमें लिखने वाले का नाम सामने नहीं आया। अब चयन कमेटी में शामिल डीन डा. संदीप बेरवाल द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद मामला और गंभीर हो गया। वहीं दूसरी तरफ वीसी और रजिस्ट्रार ने संदीप बेरवाल को पूर्व रजिस्ट्रार राजबीर मोर का रिश्तेदार बताते हुए उनके इशारे पर बदनाम करने के आरोप लगाए हैं। रजिस्ट्रार ने कुछ कागजात भी दिखाते हुए आरोप लगाया कि संदीप बेरवाल ने तत्कालीन रजिस्ट्रार डा. राजबीर मोर के साथ अपनी मनमर्जी से नियम बना कर गलत तरीके से विदेश यात्रा की।