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चुनाव में मुद्दों पर हो बात, जात-धर्म पर नहीं करेंगे वोट

दैनिक जागरण के हर वोट कुछ कहता है अभियान के तहत मंगलवार दोपहर बाद अर्बन एस्टेट स्थित जाट धर्मशाला में शहर के बुद्धिजीवी और वरिष्ठ नागरिकों ने अपने विचार रखे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 10:09 AM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 10:09 AM (IST)
चुनाव में मुद्दों पर हो बात, जात-धर्म पर नहीं करेंगे वोट
चुनाव में मुद्दों पर हो बात, जात-धर्म पर नहीं करेंगे वोट

जागरण संवाददाता, जींद : दैनिक जागरण के हर वोट कुछ कहता है अभियान के तहत मंगलवार दोपहर बाद अर्बन एस्टेट स्थित जाट धर्मशाला में शहर के बुद्धिजीवी और वरिष्ठ नागरिकों ने अपने विचार रखे। उन्होंने लोकसभा चुनाव के प्रचार में मुद्दे गायब होने की बात कहते हुए निराशा जताई और कहा कि राजनीतिक दल मुद्देों की बात करने के बजाय एक-दूसरे पर आरोप लगा कर नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। क्षेत्रीय मुद्दों के बजाय जात-पात हावी है। हर कोई जीत के लिए यही समीकरण बना रहा है कि किस जाति से उसे कितना वोट मिलेगा। ऐसे नेताओं को सबक सिखाने की जरूरत है और जो रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे उठाएगा, उसे ही वोट डालेंगे। मुद्दे गायब, जात-धर्म की हो रही बात

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फोटो : 19

जींद का जागरूक मतदाता होने के नाते मुझे बहुत निराशा होती है कि कोई भी राजनीतिक विकास की बात नहीं कर रहा है। इस चुनाव में मुद्दे पूरी तरह से गायब हैं और चुनाव में खड़े लोग एक-दूसरे को गाली दे रहे हैं। धर्म-जात पर चुनाव चल रहा है और एक-दूसरे को हराने की बात हो रही है। जींद शहर की बहुत समस्याएं हैं। उनमें सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे मुद्दे हैं, जिन पर बात होनी चाहिए।

आजाद सिंह लाठर, सेवानिवृत्त प्राचार्य

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वायदों को माना जाए शपथ पत्र

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साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने काला धन को वापस लाने, रोजगार देने के जो वायदे किए थे। वे पूरे नहीं हुए, जिससे निराशा हाथ लगी। नेता चुनाव में जो वादे करते हैं, वह उनका शपथ पत्र होना चाहिए। अगर वायदे पूरे नहीं होते हैं, तो उन पर कार्रवाई सुनिश्चित हो। प्रदेश का सबसे पुराना जिला जींद आज भी पिछड़ा हुआ है। यहां रैलियां तो खूब होती हैं और लेकिन विकास की बात नहीं होती।

महताब सिंह रेढू, एडवोकेट

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मुद्दों की बात करने वालों को दें वोट

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जात-धर्म के बजाय मुद्देों की बात हो। आमजन के मुद्दे उठाए जाएं। जो भी प्रत्याशी चुनाव लड़े, उसका विजन होना चाहिए कि वह किन मुद्दे पर लड़ेगा। क्षेत्र में कौन-कौन सी समस्याएं हैं, उनका कैसे समाधान हो सकता है। ऐसे नेता को देख कर ही वह वोट देगा। हवा-हवाई बातें करने वाले भी बहुत आएंगे, रिश्तेदारों के माध्यम से भी वोट अपने पक्ष में डलवाने का प्रयास करेंगे, लेकिन मुद्देों पर ही वोट करूंगा।

होशियार सिंह, सेवानिवृत पुलिस कर्मचारी

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किसानों के मुद्दे गायब

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चाहे लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव, किसानों की खूब बातें होती हैं। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने के वायदे किए जाते हैं और एसवाइएल का पानी हरियाणा को दिलाने की बात करते हैं। लेकिन इस चुनाव में ये दोनों मुद्दे ही सुनने को नहीं मिल रहे। किसानों के साथ-साथ आम आदमी की बात होनी चाहिए। उनका जीवन स्तर कैसे सुधरे, इस पर काम किए जाएं।

अभयराम, सेवानिवृत्त एसई, सिचाई विभाग।

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